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एनश्च
पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध ४७ १७ है जो।
है। जो ५६ १४ मन
मत ५७ १६ तश्च ६६ अंतिम भाग
भाव ६८ १७ अर्थ
मर्थ है ७१ १ विरुद
बिरुदंमुद्रण की जिव अशुद्धियों का देखते ही ज्ञान हो जाता है उनका उल्लेख इस शुद्धिपत्रक में नहीं किया गया है । जिन पर ध्यान देना आवश्यक है उनका इस में उल्लेख है।
आभारपू. मुनिश्री रत्नभूषणविजयजी ने बहुत यत्न से यह शुद्धिपत्रक बनाया हे-इसके लिये हम उनके भामारी हैं।
प्रकाशक