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________________ • 'द्रव्य-1-पयायनो २।स' तथा 'द्रव्यानुयो।५२।मश' व्यायामा विदा पर्थोनी याही . 159 सहज मल २३०४,२५७०,२५७२ | सापेक्ष पर्याय देखिए पर्याय (दिगंबरसम्मत) सहज समाधि २४६४ | सामग्री १७४६,१७५१ सहभावी पर्याय देखिए पर्याय (श्वेताम्बर) | सामर्थ्ययोग देखिए योग (विविध) सांकर्य देखिए दोष (दूषण) सामान्य सांख्यमत समीक्षा देखिए समीक्षा (१) अवांतर सामान्य ७१६,७५८,७६५-७६६ सांप्रतनैगम देखिए नय (नवविध) (३) नैगमनय | (२) ऊर्ध्वता सामान्य १२९-१३३,६५५-६५६, सांशयिकादि (पंचविध) मिथ्यात्व देखिए मिथ्यात्व | १५६७ साकार ज्ञान देखिए ज्ञान (३) तिर्यक् सामान्य १३५-१३६,१५६७,२१८६ (+उपयोग+बोध) (४) महा सामान्य ७१६,७६४-७६६ साक्षात्संकेत देखिए संकेत (५) सत्ता सामान्य ७६४-७६५ सादिनित्यशुद्ध पर्यायार्थिक देखिए नय (नवविध) (६) सामान्य-विशेष सामान्य ७६४-७६५ (२) पर्यायार्थिकनय | सामान्य उपयोग देखिए उपयोग (चैतन्य) सादृश्यअधिकरणत्व संबंध देखिए संबंध | सामान्यगुण देखिए गुण (षोडशकवृत्ति परिभाषा) सादृश्य संबंध देखिए संबंध | |सामान्यगुण देखिए गुण प्रकार साधक दशा देखिए दशा | | सामान्यगुण भेद देखिए भेद (प्रकार) साधन देखिए उपचारनिमित्त (लक्षणानिमित्त (११) गुणभेद _ + आरोपनिमित्त) |सामान्यग्राहक नैगम देखिए नय (नवविध) नैगम साधनप्रवृत्ति व्यवहारनय (त्रिविध) देखिए नय (विशेषावश्यकभाष्यकारसम्मत) (नवविध) व्यवहारनय (देवचन्द्रजी-अन्यविध) देखिए प्रकार (ii) प्रवृत्ति व्यवहारनय सामान्यलक्षणा प्रत्यासत्ति देखिए प्रत्यासत्ति साधनशुद्ध व्यवहारनय देखिए नय (नवविध) सामान्य-विशेष सामान्य देखिए सामान्य व्यवहारनय (देवचन्द्रजी) (१) शुद्ध व्यवहारनय | व्यवहारनय | सामान्य-विशेषग्राहक नैगम देखिए नय (नवविध) साधनशुद्धि देखिए शुद्धि नैगम (विशेषावश्यकभाष्यकारसम्मत) साधुद्वेष देखिए दोष (रत्नत्रयसंबंधी) || यसबधा) | सामान्य संग्रहनय देखिए नय (नवविध) साधुनिंदा देखिए दोष (रत्नत्रयसंबंधी) संग्रहनय (देवचन्द्रजी) साधुसच्चेष्टा २४५४-२४६६|सामान्यसंग्रह भेदक व्यवहारनय देखिए नय साध्यवसाना लक्षणा देखिए लक्षणा (नवविध) (५) व्यवहारनय _ (सामान्यतः) सामान्य स्वभाव देखिए स्वभाव साध्यशुद्धि देखिए शुद्धि | सामान्यस्वभाव भेद देखिए भेद (प्रकार) सानंद चित्त देखिए चित्त (३१) स्वभावभेद सानुबंध योग देखिए योग (अवशिष्ट) सामायिक सान्वय नाश देखिए अनित्यता | (१) अशुद्ध सामायिक २५६७ सामान्यप्रकार
SR No.022378
Book TitleDravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherShreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
Publication Year2013
Total Pages432
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size74 MB
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