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________________ 158 • ‘द्रव्य-गुएा-पर्यायनो रास' तथा 'द्रव्यानुयोगपरामर्श' व्याप्यामां वएर्शवेला पहार्थोनी याही • (३१) शुभचन्द्रमत समीक्षा अनेकांत सम्यक्त्व २०५७,२२११,२२१४, २२२३ सम्यग्दर्शन (३२) सदानंदमत समीक्षा (३३) सांख्यमत समीक्षा समुचितशक्ति देखिए देखिए समुच्चयवाद समुदयकृत प्रायोगिक उत्पाद ७३५-३६, सम्यग्एकांत अनेकांत देखिए देखिए २०१४ सम्यग्दर्शन योग्यता ३१२-३१८ | सम्यग्दर्शनलक्षण शक्ति (अर्थगत) सम्यग्दर्शनस्थैर्य उपाय सम्यग्दर्शनादि निमित्त सम्यग्दृष्टि सम्यग्दृष्टि गुण (लक्षण) देखिए गुण ( आध्यात्मिक) देखिए दृष्टि ११६० वाद देखिए उत्पाद (उत्पत्ति- समुत्पत्ति - तार्किकमत) (१) प्रायोगिक उत्पाद सम्यग्दृष्टि ज्ञान देखिए उत्पाद सम्यग्दृष्टि लिंग (२) वैस्रसिक सम्यग् मति समुदयकृत वैस्रसिक उत्पाद समुदयजनित नाश देखिए नाश ( सम्मतिकारसम्मत) सर्व असर्वात्मक अनेकांत देखिए अनेकांत समुदयविभागकृत नाश देखिए नाश सर्वगुणप्रसाधक तप देखिए तप (सम्मतिकारसम्मत) (१) प्रायोगिक नाश सर्वज्ञ-असर्वज्ञ अनेकांत अनेकांत देखिए देखिए केवली समुदयविभागकृत नाश देखिए नाश सर्वज्ञकेवली सर्वद्रव्य प्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना देख अनेकांत सर्वनयमय अनेकांत सर्वपरिक्षेपी नैगम देखिए (सम्मतिकारसम्मत) (२) वैस्रसिक नाश ) समुदायउत्तर सामान्य संग्रह देखिए नय ( नवविध संग्रहनय (देवचन्द्रजी) (A) सामान्यसंग्रहनय (२) उत्तरसामान्यसंग्रहनय एकत्व समूहकृत एकत्व देखिए सम्प्रज्ञातसमाधि सम्भिन्नश्रोतो लब्धि देखिए लब्धि (योगफल ) सम्यक्त्व ( सम्यग्दर्शन ) ४३९,१३९३ - १३९६, १९५३ (१) दशविध सम्यक्त्व (२) धर्मरुचि सम्यक्त्व ( ३ ) प्रधानद्रव्य सम्यक्त्व (४) बीजरुचि सम्यक्त्व (५) भाव सम्यक्त्व (६) विस्ताररुचि सम्यक्त्व सम्यक्त्व लक्षण देखिए सम्यक् श्रुत सर्वविरति गुण २३७९ | सर्वसंग्राही नैगम सर्व संवर १३८० सर्वोत्कृष्ट परोपकार १४८२ सर्वोषधि लब्धि १३९४,२५३० सहअनेकान्त देखिए ११०८ लक्षण १३९४,१३९६,२४९२, सहकारि योग्यता सहचरण देखिए ४३९ देखिए लिंग देखिए मति सहज दशा २४१७ २४२८-२९ २४२९ २४१७ अनेकान्त (१) अक्रम अनेकान्त देखिए योग्यता उपचारनिमित्त ( लक्षणानिमित्त २५३० १३७९-१३८०, + आरोपनिमित्त) १६४४,१९५२ सहज उपचरित स्वभाव देखिए स्वभाव (१) विशेष स्वभाव (X) उपचरित स्वभाव देखिए दशा नय ( नवविध) नैगम (तत्त्वार्थवृत्तिकार) देखिए गुण (आध्यात्मिक) देखिए नय ( नवविध) नैगम (हरिभद्रीय) २५८० देखिए देखिए परोपकार लब्धि (योगफल )
SR No.022378
Book TitleDravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherShreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
Publication Year2013
Total Pages432
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size74 MB
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