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154 • 'द्रव्य-गु-पर्यायनो २२स' तथा 'द्रव्यानुयोग५२मश' व्यायामा एविला पार्थोनी याही . श्रोता
|संबंध (१) बाल श्रोता २२५४-२२५६,२४७५ (१) अंग-अंगिभाव संबंध
८९७ (२) मध्यम श्रोता २२५४-२२५६,२४७५ (२) अंश-अंशिभाव संबंध
८९७ (३) पंडित श्रोता
२२५४-२२५६ (३) अपृथग्भाव संबंध- १६६७, १७०४ श्लिष्ट चित्त देखिए चित्त
(४) अभेद संबंध ८८६, १७७४, १८१५, संकर (साङ्कर्य) देखिए दोष (दूषण)
१९२०-१९२१ संकर लक्षण देखिए लक्षण
(५) आधार-आधेयभाव संबंध ८९६, १८१० संकल्प नैगम (द्विविध) देखिए नय (नवविध)
(६) आश्रयता संबंध नैगम (देवचंद्रजी) (७) उत्पत्ति संबंध
१२४८ संकेत
(८) उपचरित संबंध ८७८, ८८५ (१) आध्यात्मिकसंकेत
५९९|
(९) उपास्य-उपासकभाव संबंध ८९७ (२) गौणसंकेत
५९८
(१०) कारक-कारकिभाव संबंध १८०७,१८११ (३) नयसंकेत
(११) कार्य-कारणभाव संबंध ८९६
६११-६१७ (४) मुख्यसंकेत
५९८ (१२) गुण-गुणिभाव संबंध १८६, १८११
८९७
(१३) गौण-मुख्यभाव संबंध (५) लौकिकसंकेत ६१२,६१४,६१६
(१४) तादात्म्य संबंध (६) व्यवहितसंकेत
१६१९, १७०४ ५९७-५९८,६११
(१५) तादात्म्यनियत संबंध (७) साक्षात्संकेत ५९७-५९८,६११
(१६) धर्म-धर्मिभाव संबंध १८११-१२ संकोच देखिए दोष (दूषण)
(१७) ध्यान-ध्येयभाव संबंध
८९७ संगृहीत विशेष संग्रहनय देखिए नय (नवविध)
(१८) निरूपितत्व संबंध
२२५ संग्रहनय (देवचन्द्रजी) (B) विशेषसंग्रहनय
(१९) परनिरूपितविषयिता संबंध १९१०-१९११ संग्रह नय देखिए नय (आपादन प्रकार)
(२०) परिणाम-परिणामिभाव संबंध ८९६ संग्रहनय (देवचन्द्रजी) देखिए नय (नवविध)
(२१) पर्याय-पर्यायिभाव संबंध १८०६-१८०७, संग्रहनय (द्विविध) देखिए नय (नवविध)
१८११ सङ्ग्रहनय लक्षण देखिए लक्षण
(२२) प्रतिपाद्य-प्रतिपादकभाव संबंध ८९६ संग्रहमत देखिए नयमत (२३) प्रतियोगिता संबंध
१२४१ संज्ञा
(२४) प्रयोज्य-प्रयोजकभाव संबंध ८९६ (१) आहारादि संज्ञा
२४४२ (२५) भेद संबंध ८८५-८८६, ८८९, १७७५ (२) ओघसंज्ञा
२४८५ (२६) भेदाभेद संबंध ८८५,८९६,१६६७ (३) दृष्टिवादउपदेशिकी संज्ञा २४३३ (२७) वास्य-वासकभाव संबंध १७५८ (४) लोकसंज्ञा २२८९,२४३९,२४८५ (२८) विषयता संबंध = (विषय (५) शास्त्रसंज्ञा
२४३३
-विषयिभाव संबंध) ८७६-८७९ संपत्ति
२३८५] (२९) वृत्तिअनियामक संबंध ८७७, १६१९
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