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१९८५
150 • 'द्रव्य-गु-पर्यायनो रास' तथा 'द्रव्यानुयोग५२॥मश' व्यायामा विदा पर्थोनी याही . वृत्ति (वैयाकरणसम्मत)
(III) तदुभय
२२७८ (१) लक्षणा
वैराग्य (1) गौणी लक्षणा
१९८५ (१) गुण वैराग्य (परवैराग्य) २५६४-६५ (II) शुद्धा लक्षणा
(२) ज्ञानगर्भ वैराग्य -
२४८६ (A) अजहत्स्वार्था शुद्धा लक्षणा १९८६ | (३) दुःखगर्भ वैराग्य
२४८२ (B) जहत्स्वार्था शुद्धा लक्षणा १९८६ (४) नट वैराग्य
२५३३ (२) शक्ति (शब्दगत)
(५) मोहगर्भ वैराग्य
२४८२ (I) अप्रसिद्ध शक्ति
(६) विषय वैराग्य (अपरवैराग्य) २४१०, (II) प्रसिद्ध शक्ति
२५६४-६५ वृत्तिअनियामक संबंध देखिए संबंध
वैराग्य लक्षण देखिए लक्षण वृत्तिप्रवृत्ति
| वैनसिक उत्पत्ति देखिए उत्पत्ति (आगमिक मत) (१) क्रमिक वृत्तिप्रवृत्ति
| वैनसिक उत्पाद देखिए उत्पाद
५७५-५७८ (२) युगपद्वृत्तिप्रवृत्ति
५६९-५७४
| वैनसिक नाश देखिए नाश (सम्मतिकारसम्मत) व्यंग्यार्थ
देखिए वृत्तिसंक्षय योग देखिए योग (योगबिन्दु)
अर्थ (दार्शनिक) व्यंजक
१७२२-१७२९ वेदांतमत समीक्षा देखिए समीक्षा
व्यंजक-अव्यंग्यभाव देखिए भाव वेद्यसंवेद्य पद देखिए पद वैज्ञानिक संबंध देखिए
व्यंजक-व्यंग्यभाव देखिए भाव संबंध
व्यञ्जननय देखिए नय (प्रकीर्णक) वैभाषिक मत देखिए बौद्ध मत वैयधिकरण्य
| व्यंजननय देखिए नय (आपादन प्रकार) देखिए दोष (दूषण)
| व्यंजन पर्याय देखिए पर्याय (दिगंबरसम्मत) वैयर्थ्य देखिए दोष (दूषण)
| व्यंजन पर्याय देखिए पर्याय (श्वेताम्बर) वैयावृत्त्य
| व्यंजन पर्याय देखिए पर्याय (सम्मतितर्कअनुसार) (१) अनुशास्ति
२२७७
| व्यंजन पर्याय देखिए पर्याय (आलापपद्धति परिभाषा) (I) स्व
११ व्यंजन पर्याय देखिए पर्याय प्रकार (II) पर
२२७७ व्यंजनपर्याय नैगम देखिए नय (नवविध) (III) तदुभय
नैगम (विद्यानंदस्वामी-अन्यविध) (२) उपालंभ
| व्यंजनपर्याय भेद देखिए भेद (प्रकार) (I) स्व २२७८
(२३) पर्यायभेद (II) पर
| व्यंजनपर्याय सप्तभङ्गी देखिए सप्तभङ्गी (III) तदुभय
२२७८
| व्यंजना लक्षण देखिए लक्षण (३) उपग्रह
२२७७
| व्यंजनाशक्ति देखिए वृत्ति (आलंकारिकसम्मत) (I) स्व
२२७७
| व्यक्त मिथ्यात्व देखिए मिथ्यात्व (II) पर
१२७८ | व्यक्ति (अभिव्यक्ति-आविर्भाव) १२६,१६६,१७०,
२२७७
२२७७
२२७८
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