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126 • 'द्रव्य-गु-५यायनो २।' तथा 'द्रव्यानुयो॥५२॥मश' व्यायाम. वि. पार्थोनी याही . संग्रहनय ७६२-७६३| (७) शब्दनय
७९०-७९६ (B) विशेष संग्रहनय ७६२-७६३ | (८) समभिरूढनय (द्विविध) ७९७-८०२ (१) संगृहीत विशेष संग्रहनय ७६३ (1) अर्थारूढ समभिरूढनय ७९८-७९९ (२) पिंडित विशेष संग्रहनय ७६३ (I) शब्दारूढ समभिरूढनय ७९८-७९९ (३) अनुगम विशेष संग्रहनय ७६३ | (९) एवंभूतनय
८०३-८०७ (४) व्यतिरेक विशेष संग्रहनय ७६३ | नय (देवचंद्रजीसम्मत) (५) व्यवहारनय (द्विविध) ७६८-७७७ (१) द्रव्यार्थिकनय (1) सामान्यसंग्रहभेदक
(I) अशुद्ध द्रव्यार्थिकनय
६७० व्यवहारनय ७६८,७७१-७७३ (II) अन्वय द्रव्यार्थिकनय
६७० (II) विशेषसंग्रहभेदक
(III) एक द्रव्यार्थिकनय
६७० व्यवहारनय
७७१-७७३ (IV) नित्य द्रव्यार्थिकनय
६७० • व्यवहारनय (देवचंद्रजी)
(v) परम द्रव्यार्थिकनय (१) शुद्ध व्यवहारनय
(VI) परमभावग्राहक द्रव्यार्थिकनय ६७० ७७५ (VII) वक्तव्य द्रव्यार्थिकनय
६७० (i) वस्तुगत शुद्ध व्यवहारनय ७७५
(VIII) शुद्ध द्रव्यार्थिकनय
६७० (ii) साधन शुद्ध व्यवहारनय ७७५
(IX) सद् द्रव्यार्थिकनय
६७० (२) अशुद्ध व्यवहारनय
७७५ (X) सत्ता द्रव्यार्थिकनय
६७० (i) सद्भूत अशुद्ध व्यवहारनय ७७५
नय (प्रकीर्णक) (ii) असद्भूत अशुद्ध व्यवहारनय ७७५
(१) अर्थनय ५०८,५१३-५१४,७८५ (a) संश्लेषित असद्भूत (२) अशुद्धनय
६३१ अशुद्ध व्यवहारनय ७७५
(३) दुर्नय ५५७,६००-६०४,६०८-६०९ (b) असंश्लेषित असद्भूत
(४) द्वादशनय (मल्लवादी) ४५६,४६४ अशुद्ध व्यवहारनय ७७५
(५) द्रव्यार्थिकनय ५७५,५७९,५८३-५८६, व्यवहारनय (देवचन्द्रजी-अन्यविध)
५८९-५९१,६१४-६१६,७७८, (i) विभजन व्यवहारनय ७७६
९४६-९४९,९६०-९६३,९७८,९८३ (ii) प्रवृत्ति व्यवहारनय ७७६
(I) अविशुद्ध द्रव्यार्थिकनय ७७७ (a) वस्तुप्रवृत्ति व्यवहारनय ७७६
(II) विशुद्ध द्रव्यार्थिकनय
७७७ (b) साधनप्रवृत्ति व्यवहारनय
(६) पर्यायार्थिकनय ५७६,५८६,५९३-५९५, (त्रिविध) ७७६
५९८,६०३,९५६-९६८,९७२-९७८, (c) लौकिकप्रवृत्ति व्यवहारनय ७७६
९८२-९८३ (६) ऋजुसूत्रनय (द्विविध) ७७९-७८८,
(७) शुद्धनय
९५८-९८३| (1) सूक्ष्म ऋजुसूत्रनय ७८२,७८५ (II) स्थूल ऋजुसूत्रनय
(८) शब्दनय (व्यञ्जननय) ५०८,५१४-५१५, ७८२-७८७