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122 • 'द्रव्य-गु-पर्यायनो रास' तथा 'द्रव्यानुयोग५२मश' व्यायाम विदा पर्थोनी याही . द्रव्यानुयोग प्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना | धर्मयौवन काल देखिए काल(आध्यात्मिक) द्रव्यानुयोग माहात्म्य २९-४१,४४-५४, | धर्मयौवन दशा (काल) देखिए दशा
२२४७-२३५० | धर्मरुचि सम्यक्त्व देखिए सम्यक्त्व (सम्यग्दर्शन) द्रव्यानुयोग व्याख्या
| धर्मशक्ति
देखिए शक्ति (अर्थगत) द्रव्यार्थिकनय देखिए नय (आपादन प्रकार) | धर्मसंन्यास सामर्थ्ययोगदेखिए योग (त्रिविध) द्रव्यार्थिकनय (दशविध) देखिए नय (नवविध)
(३) सामर्थ्य योग द्रव्यार्थिकनय देखिए नय (देवचंद्रजीसम्मत) | धर्मास्तिकाय देखिए द्रव्य (षट्क) द्रव्यार्थिकनय देखिए नय (प्रकीर्णक) | धर्मास्तिकायसाधकप्रमाण देखिए प्रमाण द्रव्यार्थिकनय लक्षण देखिए लक्षण
(साधक) द्रव्यार्थिक नैगम देखिए नय (नवविध) नैगम
धर्मि-धर्मिनैगम देखिए नय (नवविध) (जयधवलाकारसम्मत)
नैगम (वादिदेवसूरि) द्रव्यास्तिक नय देखिए नय (मूलनय)
| धर्मिसापेक्ष एकत्व देखिए एकत्व द्रव्यास्तिक नय देखिए नय
| धात्वर्थ
(१) उत् + पद्धात्वर्थ १२४१-१२४३ __(अनुयोगद्वारवृत्तिकारसम्मत
२२४,२२५,२२९ द्रव्यास्तिकमत
(२) घ्राधात्वर्थ देखिए नयमत
१२४३-१२४८ द्वादशनय (मल्लवादी) देखिए
(३) नश्धात्वर्थ नय (प्रकीर्णक) धारण
देखिए उपचारनिमित्त धनशुद्धि देखिए शुद्धि
(लक्षणानिमित्त + आरोपनिमित्त) धारणा
देखिए योग (अष्टांग) (१) कृष्णधर्म
२४०७
धारणा ज्ञान देखिए उपयोग (चैतन्य) (२) शुक्लधर्म
२४०२-०३
धारा धर्मकथा देखिए कथा (१) औदयिकधारा
२५६४ धर्मकथानुयोग देखिए अनुयोग
(२) कर्मोदयधारा
२४६२ धर्म क्षमा देखिए क्षमा
(३) उपयोगधारा (ज्ञानधारा) २४३३,२४६२ धर्मदेशना देखिए कथा
(४) योगधारा
२४३३,२४६२ धर्मदेशनाअधिकारी
२५३३ | ध्यान (चतुर्विध) ।
२३८३-२३८६,२४५२, धर्म-धर्मनैगम देखिए नय (नवविध) नैगम
२४६५,२५४५-४६ (वादिदेवसूरि) (१) आर्त ध्यान
२४५८ धर्म-धर्मिनैगम देखिए नय (नवविध) नैगम ।
(२) धर्म ध्यान
२४५८ (वादिदेवसूरि)। (३) रौद्र ध्यान
२४५८ धर्म-धर्मिभाव संबंध देखिए संबंध
(४) शुक्ल ध्यान ५६-६३,२३९०,२४७३ धर्मध्यान देखिए ध्यान (चतुर्विध)
(1) पृथक्त्ववितर्क सविचार धर्म पुरुषार्थ देखिए पुरुषार्थ
शुक्लध्यान ५७,६०,६३
धर्म