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• 'द्रव्य-ए-पायनो २॥स' तथा 'द्रव्यानुयो॥५२॥मश' व्यायामi gविदा पर्थोना याही • 103 अशुभउपयोग देखिए उपयोग (चैतन्य) |अस्तिता देखिए गुण प्रकार अशुभ व्यवहार देखिए व्यवहार (देवचंद्रजीसम्मत)
(२) सामान्य गुण अष्टतत्त्व प्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना | अस्तित्वपरिणाम देखिए परिणाम अष्टविध व्यवहार देखिए व्यवहार अस्तित्वादिनय (२१) देखिए नय (आपादन प्रकार) असंख्य नय देखिए नय (विस्तार) |अस्ति-नास्ति अनेकांत देखिए अनेकांत असंग अनुष्ठान देखिए अनुष्ठान | अस्ति-नास्ति सप्तभङ्गी देखिए सप्तभङ्गी असंग साक्षिभाव
२५७३,२५७५ | अस्ति स्वभाव देखिए स्वभाव असंभव देखिए दोष (दूषण)
(२) सामान्य स्वभाव असंमोह ज्ञान देखिए ज्ञान
| अहंकार
देखिए दोष (+ उपयोग + बोध) |
(रत्नत्रयसंबंधी) असंश्लेषित असद्भूत अशुद्ध व्यवहारनय
|आंशिक उपयोग देखिए उपयोग (चैतन्य) देखिए नय (नवविध) व्यवहारनय
आकाश लक्षण देखिए लक्षण (देवचन्द्रजी) (२) अशुद्ध व्यवहारनय |
| आकाशसाधक प्रमाण देखिए प्रमाण (साधक) ___(II) असद्भूत अशुद्ध व्यवहारनय
आकाशास्तिकाय देखिए द्रव्य (षट्क) असंश्लेषित असद्भूत व्यवहारनय देखिए दत व्यवहारमय देखिए नय
नय ।
आकाशास्तिकाय प्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना (आध्यात्मिक) (२) व्यवहारनय |
| आक्षेपक ज्ञान देखिए ज्ञान (II) असद्भूत व्यवहारनय
(+ उपयोग + बोध) असंसारसमापन्नजीव प्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना
आत्मसंलीनता देखिए संलीनता असत्कार्यवाद देखिए वाद
आत्मगर्दा
२४७७ असत्ख्यातिवाद देखिए वाद
आत्मज्ञान (साक्षात्कार) देखिए ज्ञान असद्भूत अशुद्ध व्यवहारनय देखिए नय ।
(+ उपयोग + बोध)
२५३८ (नवविध) व्यवहारनय (देवचन्द्रजी) |
| आत्मज्योतिर्दर्शन आत्मनिरीक्षण
२५५९ ___ (२) अशुद्ध व्यवहारनय |
आत्मपरिणतिमत् ज्ञान देखिए ज्ञान असद्भूत व्यवहार देखिए उपनय
(+ उपयोग + बोध) असद्भूत व्यवहार (प्रकारान्तर) देखिए उपनय (२) B |
आत्म प्रज्ञापना (दशविध) देखिए प्रज्ञापना असद्भूत व्यवहारनय देखिए नय (आध्यात्मिक)
आत्मभेद
देखिए भेद (प्रकार) (२) व्यवहारनय | आत्मसमदर्शिता
२४२३ असमञ्जसआपत्ति देखिए दोष (दूषण) ।
आत्मस्वरूपभावना
२५६८ असमानजातीय द्रव्यपर्याय देखिए पर्याय
आत्मस्वरूप विचार(१६ प्रकार) २५४८-५० (प्रवचनसारवृत्ति परिभाषा) (२) द्रव्यपर्याय |
आत्मा असिद्धता देखिए दोष (दूषण) । (१) अंतरात्मा
२४०६ अस्तिकाय १४०१-१४०५ (२) अबंधआत्मा
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