________________
[२२]पजत्त संखगब्भय, तिरियनरा निरयसत्तगे जंतिनिरजबहा एएसु, उवद्धति न सेसेसु ॥ ३३ ॥ पुढवी आज वणस्स, मज्झे नारयविवजिया जीवा ॥ सवे उववज्रंति, नियनिय कम्माणु माणेणं ॥ ३४ ॥ पुढवाइ दसपएसु, पुढवीअऊत्रणस्सई जंति ॥ पुढवाइदस पए दिय, तेऊवाऊसु उववान ॥ ३५ ॥ तेऊ वाऊ गमणं, पुढवीपमुहम्मि हो पयनवगे | पुढवाइ ठाण दसगा, विगलाई तियं तहिं जंति ॥ ३६ ॥ गमणा गमणं गब्जयतिरिआएं सयलजीवठाणेसु ॥ सव्वत्य जंति मणुआ, तेजवाऊहिं नो जंति ॥३१ ॥ वेयतिय तिरिनरेसु, इत्थी पुरिसो य च विद. सुरे || थिर विगलनारएसु, नपुंसवेो दवइ एगो ॥ ३८ ॥ पजमणु बायरग्गी, वेमापिय भव
निरय वंतरिया || जोइसचउ - पण तिरिया, बेइंदि तेइंदि खाउ ॥ ३७ ॥ वाउ वणसई च्चिय, अहिया अहिया कमेण मे हुंति ॥ सव्वे - वि इमे जावा, जिणा मए पंतसो पत्ता ॥४०॥