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विषय। ..
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पृष्ठ । श्लोक।
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सत्याणुव्रतके अतिचार अचौर्याणुव्रतका लक्षण प्रमत्तयोगसे एक तृण भी लेने अथवा उठाकर
किसीको देनेसे अचौर्यव्रतका भंग होना पडे या गढे धनके त्यागका उपदेश जिसमें अपना संदेह है ऐसे धनके त्यागका भी
उपदेश अचौर्याणुजतके अतिचार स्वदारसंतोष अणुव्रत धारण करनेकी विधि स्वदारसंतोष किसके हो सकता है अब्रह्मके दोष परस्त्रीसेवनमें भी सुखका अभाव स्वस्त्रीसेवनमें भी हिंसा ब्रह्मचर्यकी महिमाकी स्तुति पतिव्रता स्त्रीकी पूज्यता ब्रह्मचर्याणुव्रतके अतिचार परिग्रहपरिमाणाणुव्रत अंतरंग परिग्रहके त्याग करनेका उपाय बहिरंग परिग्रहके त्याग करनेकी विधि परिग्रहके दोष परिग्रहपरिमाणके अतिचार परिग्रहपरिमाणका उदाहरण सहित फल अणुव्रतियोंका प्रभाव
२७९ ४९ २७९ २८५ ५१ २८६ ५२ २८९ ५३ २९१ ५४ २९१ ५५ २९२ ५६ २९३ ५७ २९४ ५८ ३०१ ५९ ३०२ ६० ३०३ ६१-६२)
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