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( ८ )
१२ कल्प.
१ सौधर्म. २ ईशान.
३ सनत्कुमार ४ माहेन्द्र.
५ ब्रह्म.
६. लांतक..
७ शुक्र.
८ सहस्रार.
९ आनत.
१० प्राणत.
११ आरण.
१२ अच्युत.
॥ दंडक विस्तरार्थः ॥
१४ कल्पातीत.
१ सुदर्शन,
२ सुप्रतिबद्ध
३ मनोरम.
४ सर्वभद्र.
५ विशाल,
६ सुमन. ७ सौमनस.
८ प्रियंकर.
९ आदित्य
१ विजय.
२
वैजयंत.
३ जयन्त.
४
अपराजित. ५ सर्वार्थसिद्ध.
( आ ९ ग्रैवेयक देवो कहेवाय छे. )
(आ पांच अनुत्तर विमा नवासीदेवो कहेवाय छे.)
तथा ब्रह्मदेवलोकने अन्ते रहेनार ९ लोकान्तिक देवो
तथा ३ किल्लिपिक देवो छे, ते आ प्रमाणे
९ लोकान्तिक.
sta
३ किल्बिविक.
१ सारस्वत.
१ सौधर्म अने ईशान
१ लोकांतिकना सर्व देवो २४४५५ ने मतान्तरे २२६३७७ े. ते सर्व एकावतारी अथवा मतान्तरे ७-८ अवतारी ब्रह्मदेवलोकना, त्रीजा पाथडे आठ कृष्णराजीओना मध्यमां रहेला नव विमानोमा रहेनारा छे.