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________________ [३५] घाणेन्द्रिय, रसेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय । चौरिन्द्रिय में इंद्रिय पावे चार-- चक्षुइंद्रिय, घ्राणेन्द्रिय, रसेन्द्रिय और स्पर्शन्द्रिय । असन्नी तिर्यंच पंचेन्द्रिय में इंद्रिय पावे पांच-- श्रोतेन्द्रिय, चक्षुइंद्रिय, घ्राणेन्द्रिय,रसेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय । समुद्घात-तीन विकलेन्द्रिय और असन्नी तिर्यच पंचेन्द्रिय में समुद्घात पावे तीन तीन- वेदनी, कषाय और मारणान्तिक । १० सन्नी- सन्नी तीन विकलेन्द्रिय और असन्नी तिर्यंच पंचेन्द्रिय में सन्नी नहीं, असन्नी हैं। ११ वेद- तीन विकलेन्द्रिय और असन्नी तिच पंचेन्द्रिय में वेद पावे एक-नपुंसक । १२ पजत्ति - तीन विकलेन्द्रिय और असन्त्री तिर्यंच पंचेन्द्रिय में पर्याप्ति पाचे पांच पांच- आहार पर्याप्ति, शरीर पर्याप्ति, इन्द्रिय पर्याप्ति,श्वासोश्वास पर्याप्ति और भाषा पर्याप्ति । १३दृष्टि-तीन विकलेन्द्रिय और असन्नी तिर्यंच पंचेन्द्रिय में दृष्टि पावे दोय दोय ---- सम्यग दृष्टि और मिथ्यादृष्टि । १४दर्शन--बेइन्द्रिय और तेहन्द्रिय में दर्शन पावे एक अचक्षु,चोरिन्द्रिय और असन्नी तियेच पंचेंद्रियमें
SR No.022356
Book TitleLaghu Dandak Ka Thokda
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages60
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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