SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 31
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ २८ ] ४ संठाण - पांच स्थावर और असन्नी मनुष्य में संठाण पावे एक हुंडक । ५ कषाय - पांच स्थावर और असन्नी मनुष्य में कषाय पावे चार चार । ६ संज्ञा - पांच स्थावर और सन्नी मनुष्य में संज्ञा पावे चार चार । ७ लेश्या - पृथ्वीकाय, अपकाय और वनस्पतिकाय । इन तीनों में लेश्या पावे चार२, कृष्ण लेश्या, नील लेश्या, कापोत लेश्या और तेजो लेश्या । तेउकाय, वायुकाय और असन्नी मनुष्य में लेश्या पावे तीन २ -- कृष्ण लेश्या, नील लेश्या और कापोत लेश्या । ८ इन्द्रिय- पांच स्थावर में इन्द्रिय पावे एक स्पर्शेन्द्रिय । सन्नी मनुष्य में इन्द्रिय पावे पांचुंही । ९ समुद्घात - चार स्थावर में पृथ्वीकाय, अपकाय, तेउकाय वनस्पतिकाय और असन्नी मनुष्य इन पांचों में समुद्घात पावे तीन तीन वेदनी समुद् घात, कषाय समुद्घात और मारणान्तिक समुद्घात । वायुकाय में समुद्घात पावे चार वेदनी समुद्घात, कषाय समुद्घात, मारणान्तिक समुद्घात और वैक्रिय समुद्घात । --
SR No.022356
Book TitleLaghu Dandak Ka Thokda
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages60
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy