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भुवन पति देवता के विषे असुरकुमार की जाति के विषे दो इंद्र हैं
चमरेन्द्र और बलेन्द्र।
चमरेन्द्र जी के रहेवास की चमर चंचा राजधानी जंबूद्वीप का मेरु पर्वत से दक्षिण दिशी अधोलोक में है। बलेन्द्र जी के रहेवास की बलचंचा राजधानी जंबूद्वीप का मेरु पर्वत से उत्तर दिशी अधोलोक में है। चमरेन्द्र जी का भवनवासी देवता की स्थिति, ज. दश हजार वर्ष की । उत्कृष्टी एक सागरोपमकी और उनकी देवी की स्थिति । ज० दश हजार वर्ष की उत्कृष्टी ३॥पल्यापम की। बाकी के नव जाति के दक्षिण दिशाका भक्नपति देवता की स्थिति ज० दश हजार वर्ष की उत्कृष्टी १॥ पल्यापम और उनकी देवीकी स्थिति ज. दश हजार वर्ष उत्कृष्टी ।। पल्यापम की ।
बलेन्द्रजी के भवनवासी देवता की स्थिति ज० दश हजार वर्ष की । उत्कृष्टी एक सागरोपम जाझेरी । उनकी देवी की स्थिति ज० दश हजार वर्ष की । उत्कृष्टी ४॥ पल्योपम की बाकी के नव जाति