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(५२) सामीबासठ धनुष्य, पांचमी नारकीनी सवासो धनुष्य, बही नारकोनी अढीसें धनुष्य अने सातमी नारकीनी पांचसे धनुष्यनी वधारेमां वधारे अवगाहनां .
प्रथम नारकीमा पहेलो प्रतरे नारकीना जीवोर्नु उत्कृष्ट देहमान त्रण हाथर्नुकछु , अने बीजा प्रतरे पांच हाथ सामाआ3 अंगुळमुं, त्रीजा प्रतरे सातहाथ सत्तर अंगुळy देहमान डे; एम दरेक प्रतरे प्रतरे बे हाथ सामायाग्याउअंगुळ वधारतां बेवा तेरमा प्रतरमा नारकीना जीवोनुं उत्कृष्ट देहमान पोणाबाठ धनुष्य ने ब अंगुळनुं जाणवं. बीजी नारकीमा पहेले प्रतरे नारकीना जीवोनुं उत्कृष्ट देहमान पोगाथाउ धनुष्य ने उ अंगुलनु का बे, अने बीजा प्रतरे सामााउ धनुष्य ने नव अंगुलनु, त्रीजा प्रतरे सवानव धनुयष्यने बार अंगुलनु, एम दरेक प्रतरे त्रण हाथने त्रण अंगुल वधारता बेलां अगियारमा प्रतरमा नारकीना जीवोनुं उत्कृष्ट देहमान साडा. पन्नर धनुष्यने बार अंगुलनुं जाणवू, त्रीजी नारकीमा