________________
(५१) अने कार्मण, एम त्रण शरीर होय . बे इंजिय, ते इंडिय, चौरिध्यि, पृथ्वीकाय, अपकाय, तेउकाय अने वनस्पतिकाय, ए सात दंमके, तथा समुर्छिम तिर्यंच पंचेंज्यि अने समुर्बिम मनुष्यने औदारिक तैजस ने कार्मण एम त्रण शरीर होय , वायुकाय अने गर्नज तिर्यंच पंचेंपियना दंमके औदारिक, वैक्रिय, तैजस अने कार्मण, एम चार शरीर होय अने गर्नज मनुष्यना दंमके पांचे शरीर होय .
॥ इति शरीरहार ॥
अथ अवगाहना हार. अवगाहना-शरीरनुं प्रमाण-जघन्य तथा उस्कृष्ट चोवीश दंमके कहे .
प्रथम नारकीना दंगके सामान्यपणे अवगाहना जघन्य अंगुलनां असंख्यातमां नाग जेटली अने उत्कृष्ट पांचशे धनुष्यनी ने, जुदी जुदी नारकीनीअ. पेक्षाए पहेली नारकीनी पोणाग्राउ धनुष्य ब अंगुल, बीजी नारकीनी सामापंन्नर धनुष्य बार अंगुल त्रीजी नारकीनी सवाएकत्रिस धनुष्य, चोथी नारकीनी