________________
(४७) आक्रोम सत्तावनलाख बसें ने ब्यासी तथा व्यंतर निकाय अने ज्योतिषीमां असंख्याता जीनजुवनो. ते सर्वेशास्वता बे.
जुवनपति निकायनां दरेकजीनजुवनमा एकसो एंसी एंसी जीनप्रतिमाजी ने. नवग्रैवेयकना त्रणसें अढार अने पांच अनुत्तरनां पांच मळीने त्रणसें त्रे वीस जीनजुवनोमा एकसोवीस वीस जीनप्रतिमाजो अने बीजा सर्व वैमानिकना जीनजुवनोमां एकसो एंसी एंसी जीनप्रतिमाजी . तिर्वा लोकनां साठ जीनजुवनोमां एकसो चोवीस चोवीस अने बाकीना त्रण हजार एकसो नवाणुं जीनजुवनमा एकसोवीस वीस प्रतिमाजी . एम गणतां सर्वमळी पंदरबज बेतालीस करोड अठावन लाख उत्रीस हजारने एंसी जीनप्रतिमाजी तथा व्यंतर निकायमां अने ज्योतिषीमां असंख्यात जीनप्रतिमाजी ने.सर्व जीनप्रतिमाजी ऋषन्न, चंबानन, वारिखेण ने वईमान ए चार नामनी अने सदा शास्वती ॥ इति जुवनहार ॥