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.. (१५७) जीवन्नेदमां जाय ले. इति गतिधार.
___अथ तेत्रीशमुं श्रागतिहार. - श्रागति-आगमन-कया दमकने विषे कयाकया दंगकना जीवो आवीने उपजे एम जे कहेवू तेनुं नाम अहिं श्रागतिहार जाणवू. . नारकी तथा देवताना मळी चौद दंगकने विषे एक तिर्यंच पंचेंडियअने बीजा मनुष्य एम बेदंगक मांदेथी जीवो श्रावी उत्पन्नयायडे. पृथ्वीकाय, अपकाय अने वनस्पतिकाय एम त्रण दंगकने विषे, एक नारकीवर्जीने बाकीना त्रेवीशे दमकमांडेथीजीवोगावी उत्पन्नथायले. तेउकाय, वाउकाय, वे इंघिय, ते इंडिय अने चौरिप्रिय एम पांच दंगकने विषे. थावरना पांच, विगछियना त्रण, तिर्यंच पचेंघिय अने मनुष्य एम दश दमक मांडेयी जीवो श्रावी उत्पन्न थाय . तिथंचपचेंजियना दमकनेविषे चोवीशे दमकमांदेथी जीवो आवी उत्पन्न थाय . मनुष्यना दंगकने विषे. तेउकाय अने वाउकाय सिवाय बाकीना बाबीश दंगकमांहेथी जीवो आबी