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(१४ए) संख्याता उपजे ने तथा चवे .
दश जुवनपति, व्यंतर, ज्योतिषी अने वैमानिक मां सौधर्म देवलोकथी मांगीने आठमा सहस्त्रार देवलोक सुधीना देवलोकने विषे जीवो जो उपजे तो, एक समयमा जघन्यथी एक, बेत्रण अने उत्कृष्टा संख्याता असंख्याता जीवो उपजे तथा चवे . कारणके आठमा देवलोक सुधी तिथेच पण जायने ने ते तिर्यंचगतिमांजीवोअसंख्याता ले माटे असंख्याता उपजे एम जाणवू. नवमा आदि उपरना देवलोके एक समयमां डेवट संख्याता जीवो उपजे अने चवे बे. ते देवलोकमां फक्त गर्नजमनुष्यजायजे.
पृथ्वीकाय, अपकाय, तेउकाय अने वाउकायनादुमके, प्रतिसमये जीवो असंख्याता उपजेले अनेचवेडे, तथा वनस्पतिनादंडके प्रतिसमये जीवो अनंताउपजे ने अनंताचवे बे; वनस्पतिकायमा जीव अनंता ने माटे वनस्पतिकायमांथीयाव्या जीवो वनस्पतिकायमां समयेसमये अनंतापजे अने अनं. ताचवेवे एम जाणवू. बेइंजिय, तेइंजिय, चौरिडिया