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________________ GG कहे बे. संमूर्बिम तिर्यंच पंचेंद्रिय पहेला नरक पर्यंत जाप. जुजपरिसर्प बीजा नरक पर्यंत जाय. खेचर त्रीजा नरक पर्यंत जाय. चतुष्पद सिंह प्रमुख चोथा नरक पर्यंत जाय. उरःपरिसर्प पांचमां नरक पर्यंत जाय. स्त्री हा नरक पर्यंत जाय. मनुष्य अने मत्स्य सात मा नरक पर्यंत जाय. हवे कर नारकीना जीव क्या यादी उपजे ? ते कहे बे-सातमा नरकनो नीकल्यो जीव गर्भज तिर्यचमाहे आवे, अने समकित पण पामे. बहा नरकनो नीकल्यो जीव गर्नज तिर्यच अने गर्नज मनुष्यमां जाय, अने देशविरतिपणुं पामे, परंतु सर्वविरतिपणुं न पामे. तथा पांचमा नरकनो नीकल्यो जीव गर्नज मनुष्य थाय, अने सर्व विरतिपणु पामे, परंतु केवल न पामे. चोथा नरकनो नीकट्यो जीव गर्नज मनुष्य थाय, अने केवलझान पामे तो पामे, परंतु ते तीर्थकर न थाय. त्रीजा नरकनो नीकल्यो जीव गर्नज मनुष्य था य, अने तीर्थकर पण थाय, परंतु वासुदेव अथवा बलदेव न थाय. तथा बीजा नरकनो नीकल्यो जीव मनुष्य
SR No.022340
Book TitleDandak Tatha Laghu Sangrahani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year
Total Pages174
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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