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पांच अजीव एवं उनका स्वभाव
गाथा
धम्माधम्मा पुग्गल, नह कालो पंच हुंति अजीवा । चलणसहावो धम्मो, थिरसंठाणो अहम्मो य ॥९॥ अवगाहो आगासं, पुग्गलजीवाण पुग्गला चउहा । खंधा देस पएसा, परमाणू चेव नायव्वा ॥१०॥
___ अन्वय धम्माधम्मा पुग्गल, नह कालो पंच अजीवा हुंति चलण सहावो धम्मो थिर संठाणो अहम्मो ॥९॥ पुग्गल जीवाण अवगाहो आगासं, खंधा देस पएसा, परमाणु चउहा चेव पुग्गला नायव्वा ॥१०॥
.. संस्कृतपदानुवाद धर्माधर्मों पुद्गला, नभः कालः पंच भवन्त्यजीवाः । चलन स्वभावो धर्मः, स्थिर संस्थानोऽधर्मश्च ॥९॥ अवकाश आकाशं, पुद्गल जीवानी पुद्गलाश्चतुर्की । स्कन्धा देश प्रदेशाः, परमाणवश्चैव ज्ञातव्याः ॥१०॥
शब्दार्थ
धम्म - धर्मास्तिकाय" अधम्मा - अधर्मास्तिकाय पुग्गल - पुद्गलास्तिकाय नह - आकाशास्तिकाय कालो - काल पंच - पांच (ये पांच) हुंति - होते हैं। अजीवा - अजीव
चलण सहावो - चलने में सहायता
करने के स्वभाव वाला । धम्मो - धर्मास्तिकाय थिर संठाणो - स्थिर रहने में सहायता
करने के स्वभाव वाला । अहम्मो - अधर्मास्तिकाय य - और
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श्री नवतत्त्व प्रकरण