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नवतत्त्व = नौका और समुद्र के द्दष्टांत से बोध १जीवा जीव सरोवर का दृष्टांत अजीव।।
संपूर्ण
कर्मक्षय
जो
निर्जरा
-
उपा
पाप
देशसे
कर्मक्षय
मामलपवन
कर्म की रुकावट
५अ
कर्मप्रवेशाजीव
पवेथ
कर्म संबंध
नौका में
करना
.:
ग
.
.
.
पुण्य
पापर
अजीव
मोक्ष
RT
442
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सकल कर्म क्षय
लोहाग्नि न्याय
चित्र : नवतत्त्व के लक्षण
--------------------- श्री नवतत्त्व प्रकरण