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उस काल को सूक्ष्म द्रव्य पुद्गल परावर्त कहते है । ४१४) बादर क्षेत्र पुद्गल परावर्त किसे कहते है ? . उत्तर : चौदह राजलोक के सभी आकाश प्रदेशों का बिना क्रम के मृत्यु द्वारा
स्पर्श करते हुए किसी एक जीव को जितना समय लगता है, उस काल
को बादर क्षेत्र पुद्गल परावर्त कहते है। ४१५) सूक्ष्म क्षेत्र पुद्गल परावर्त किसे कहते है ? उत्तर : चौदह राजलोक के सभी आकाश प्रदेशों को क्रमशः प्रदेश के अनुसार
मृत्यु द्वारा स्पर्श करते हुए किसी एक जीव को लगने वाला काल सूक्ष्म
क्षेत्र पुद्गल परावर्त है। ४१६) बादरकाल पुद्गल परावर्त किसे कहते है ? उत्तर : कालचक्र के संपूर्ण समय को बिना क्रम के मृत्यु द्वारा स्पर्श करने
में जो समय लगता है, उसे बादर काल पुद्गल परावर्त कहते है। ४१७) सूक्ष्म काल पुद्गल परावर्त किसे कहते है ? उत्तर : काल चक्र के संपूर्ण समय को क्रमशः मृत्यु द्वारा स्पर्श करने में जो
समय लगता है, उसे सूक्ष्म काल पुद्गल परावर्त कहते है। ४१८) बादर भाव पुद्गल परावर्त किसे कहते है ? उत्तर : सभी रसबंध के अध्यवसाय स्थानकों को बिना क्रम के मृत्यु द्वारा स्पर्श
करने में जितना समय लगता है, उसे बादर भाव पुद्गल परावर्त कहते
४१९) सूक्ष्म भाव पुद्गल परावर्त किसे कहते है ? उत्तर : रसबन्ध के एक-एक अध्यवसाय को मृत्यु द्वारा क्रमशः स्पर्श करने
में लगने वाला समय सूक्ष्म भाव पुद्गल परावर्त कहलाता है। ४२०) पल्योपम के कुल कितने प्रकार हैं ? उत्तर : पल्योपम के कुल छह प्रकार हैं : १. उद्धार पल्योपम, २. अद्धा
पल्योपम, ३. क्षेत्र पल्योपम, इन तीनों के सूक्ष्म तथा बादर ऐसे दो
दो भेद होने से छह भेद हैं। ४२१) सूक्ष्म उद्धार पल्योपम किसे कहते है ?
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श्री नवतत्त्व प्रकरण