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________________ पुद्गल से होती है और शब्द स्वयं भी पुद्गल रूप है। ३६८) अंधकार किसे कहते है ? उत्तर : तेज का अभाव ही अंधकार है। अंधकार भी पुद्गल रूप है। ३६९) उद्योत किसे कहते है ? । उत्तर : शीतल वस्तु का शीतल प्रकाश उद्योत कहलाता है । चन्द्र, ग्रह, नक्षत्र, तारा आदि ज्योतिष विमानों का, चन्द्रकान्त आदि रत्नों का तथा जुगनू आदि जीवों का प्रकाश उद्योत है। ३७०) प्रभा किसे कहते है ? उत्तर : चन्द्रादि के प्रकाश में से तथा सूर्य के प्रकाश में से जो दूसरा किरण रहित उपप्रकाश पडता है, वह प्रभा है । यह प्रभा पुद्गल स्कंधों में से प्रकट होती है तथा स्वयं भी पुद्गल रूप है। ३७१) प्रभा व किरण में क्या अंतर है ? उत्तर : किरण स्वयं प्रकाशरूप है जबकि प्रभा किरण का उपप्रकाश है। यदि प्रभा न हो तो सूर्यादि की किरणों का प्रकाश जहाँ पडता हो, वहीं प्रकाश रहे, परन्तु उसके समीप के स्थान में अमावस्या जैसा अन्धकार ही रहे । परन्तु उपप्रकाश रूप प्रभा होने से ऐसा नहीं होता । चन्द्रादि की कान्ति को भी शास्त्रों में प्रभा कहा है। ३७२) छाया किसे कहते है ? उत्तर : दर्पण अथवा प्रकाश में पड़ने वाला प्रतिबिंब छाया कहलाती है । ३७३ ) आतप किसे कहते है ? उत्तर : शीत वस्तु का उष्ण प्रकाश आतप कहलाता है । ३७४) वर्ण किसे कहते हैं ? उत्तर : चक्षुरिन्द्रिय के विषय को वर्ण कहते हैं । वर्ण अर्थात् रंग । ३७५) वर्ण के कितने भेद हैं ? उत्तर : पांच - १. कृष्ण, २. नील, ३. पीत, ४. रक्त और ५. श्वेत । ३७६) गंध किसे कहते हैं ? उत्तर : घ्राणेन्द्रिय के विषय को गंध कहते हैं। ------------------------ श्री नवतत्त्व प्रकरण -
SR No.022327
Book TitleNavtattva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNilanjanashreeji
PublisherRatanmalashree Prakashan
Publication Year
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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