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अनंत
__अनंत सिन्हा लोकाग्रभाग
दर्शनौनुसार विश्वदर्शन - १४ राजलोक - अलोक
अनंत
- सिद्धशिला MM १४ उ ५ अनुत्तर
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अनंत अलोकाकाश
- अँचर ज्योतिष __ वाणव्यतंर व्यंतर -मेरु पर्वत चक्र
अ ध्य१०भवनपति
2- असंख्य द्धीप समुद्र
+ नरक१ लोक १५परमाधामी ७ तिर्खा १०तिर्यग जुंभक/ लोक. शका प्रमा
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नरक घनोदधिरलय घनवातवलय तनवातवलय वालुका प्रमा
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नरक४
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अलोक त्रसनाडी
---- ---- ------ श्री नवतत्त्व प्रकरण
अलोक --- -
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