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________________ डिजाइन वाले वस्त्र को पाने की लालसा ने उस पुरानी डिजाइन के वस्त्र की कीमत घटा दी। अब उस वस्त्र की तुम्हारे लिए कोई कीमत नहीं। - संसार के समस्त पौद्गलिक पदार्थ प्रतिक्षण परिवर्तनशील हैं। कुछ ही दिनों पूर्व बम्बई में घटी यह घटना याद आ जाती है• लक्ष्मीचंद सेठ का पुत्र महेश बम्बई के एक कॉलेज में पढ़ता था। कॉलेज में पढ़ने वाली एक रूपवती कन्या के प्रति वह मोहित हो गया। किसी भी प्रकार से वह उस युवती से विवाह करना चाहता था, परन्तु उसे सफलता नहीं मिल पा रही थी। आखिर दो वर्ष के बाद उन दोनों की Court-marriage हो गई। श्रेष्ठिपुत्र महेश के आनन्द का पार नहीं था। विवाह सम्बन्ध के दो वर्ष व्यतीत हुए। एक दिन वे दोनों टैक्सी में बैठकर घूमने के लिए जा रहे थे और अचानक टैक्सी का भयंकर एक्सीडेंट हो गया। भाग्यवश महेश की जान बच गई किन्तु उसकी पत्नी अत्यन्त घायल हो गई थी। तरन्त वह अपनी प्राणप्यारी पत्नी को अस्पताल ले गया। डॉक्टर की दवाई से उसकी पत्नी होश में आई। उसके चेहरे पर काच के बहुत से टुकड़े चुभे हुए थे। उन सब को सावधानी से निकाला गया और उसकी पत्नी मौत के मुख में जाने से बच गई। आठ दिन बाद महेश अस्पताल में अपनी पत्नी को देखने के लिए आया। किंतु अब उसका आकर्षण समाप्त हो चुका था। जो चेहरा पहले अत्यन्त चमकदार और सौन्दर्य से भरा-पूरा था, अब उसका आकर्षण समाप्त हो चुका था, अतः शान्त सुधारस विवेचन-२२
SR No.022305
Book TitleShant Sudharas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnasenvijay
PublisherSwadhyay Sangh
Publication Year1989
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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