SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 325
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जं सेवेज्ज अकप्पं, कुज्जा जं सेवेज्ज अकप्पं, कुज्जा जं सो वि महप्पा पबलजं हट्ठसरीरो वि हु, जइ अज्ज वि एस गर्म, जइ अणुजाणह तुब्भे, जइ अरिहा वि हु होउं, जइ अवणेह लहुं चिय, जइ इंधणेण अग्गी, जइ इण्हि निवारिज्जइ, जइ इह पेसुण्णं चिय, जइ उत्तरायणदिणाजइ एत्थ वि पत्थावे, उवेहियो जइ एयं चिय एकं, नरेसु जइ कहवि गुणपहाणो, जइ कहवि चिलाएहिं, जइ कहवि मागहेहिं, जइ कह वि य दाहजरो, जइ कीलगखिवणत्थं, जइ कुणसि ता परेणं, जइ खंडसिलोगेहिं वि, जइ चंडचक्किणो वि हु, जइ जलइ जलउ लोए, जइ जलइ जलउ लोए, जइ जिणवरेसु भत्ति, जइ जीवंऽगत्तसमत्तजइ तं संपुण्णं, चिय जइ तत्थ गणे कहमऽवि, जइ तहवि असुहकम्मोदएण, जइ ता एए एवं, असहाया जइ ता कया पमाणं, जइ ता को णु सुयमओ, जइ ता गुणरहिओ वि जइ ता जणसंववहारजइ ता तत्तगवेसी, ता जइ ता न कुणंतो च्चिय, जइ ता न गतो तित्ति, जइ ता परो वि खमई, जइ ता पसुणो वि इमे, जइ ता मायामोसं, जइ तारिसिया तन्हा, छुहा जइ ताव कसाय च्चिय, जइ ताव गहणसिक्खा, जइ ताव तुमं माणस जइ ताव थिरा ता पढम ५३९४ जइ ताव नाणचक्खू, न ४५१४ जइ ताव निहाणाऽऽइसु, ३८७१ जइ ताव परमदुलहं, संपाडइ ३१०१ जइ ताव मुणी गंता, ६४३० जइ ताव सुरो कि तस्स, ३४३५ जइ तुममिह पडिबन्धं, १३१३ जइ तूरवरपुरस्सर-मऽणेग८१६१ जइ ते एवं वुत्ता, हसंति ४२८९ जइ ते वि नमंतसुरिंदविंद६३३४ जइत्ता पउरे जण्णे, भोइत्ता ३१३३ जइ दगवारगमाणं, १२३८ जइ दाया छेत्ता वा, एत्य ६५०३ जइ दिवसे संविक्खइ, २८६३ जइ दुट्ठसुओ एसो, मुणिणो३७८६ जइ नऽत्थि गुणा ता । ६७६४ जइ न मरिस्सामि अहं, ३०३ जइ नाम तहऽण्णाणी, ८०१ जइ नाम परमधम्मो, १९२० जइ नियम भंजित्ता, ७८५१ जइ नेव इंदियदमो, ३४३४ जइ पच्छा वि हु तुमए, ४०८६ जइ पढमं पिन काहिसि, ७२८३ जइ पढम पि न रज्जसि, १९१८ जइ पत्तियह न तुब्भे, ७०९० जइ परच्चक्कं वच्चइ, ता ३३१७ जइ पवयणस्स सारो, मरण४८५५ जइ पिटुंऽतं चट्टइ, सुणहो ९४७९ जइ पुण अणज्जजण९५६८ जइ पुण अभुज्जमाणऽत्थ९६०१ जइ पुण इट्टवियोगाइ, ६७८२ जइ पुण एगागि च्चिय, ५२९९ जइ पुण कहिंचि संचय६३९२ जइ पुण गेलण्णवसा, २५११ जइ पुण गेहसमीवे, ६६२३ जइ पुण तुमं महायस ५४३९ जइ पुण तुह निब्बंधो, ५५०६ जइ पुण तुह वयणाओ, ९५१७ जइ पुण ते उवयरिया, ६४५२ जइ पुण दुगंछिएसु, ९५९८ जइ पुण निरवेक्खो हं, ७२८६ जइ पुण वाही होज्जा, १४६१ जइ पुण होज्ज परोप्पर१९१३ जइ पुव्वमुहाऽऽयरिओ, २७८४ जइ पेज्ज चिय न भवे, जइ सत्येण हणिज्जइ ७७९८ जइ बंभणो वि सुद्दाऽहमाण, ६५५३ ९९२३ जइ बज्झविसयचिन्ता-वावा- १९२८ ७६९८ जइ बिंदूहि भरिज्जइ, ६०८८ २०५६ जइ भयमऽत्थि मरणजं, ३७४२ १५३ जइ मण ! धरेसि सवसं, १९३० १९६८ जइ मह समरहुयासण ६७६८ २२४१ जइ मूढलोयरइयं पि, ७८८४ ४७३५ जइ मूलगुणे उत्तर ४९३० जइयव्वं चिय धम्म २९७६ १७६३ जइयव्वं जहसत्तीए, कम्म ५४८ ९५७३ जइयव्वं सव्वेण वि, १७०२ ५६०८ जइया पुण सयलिदिय २९६७ ९८३२ जइया रागा दोसा, गारव ८१५१ ६५८४ जइया हं नरनाहो, होमि ३६२ ६६२२ जइ लब्भइ निब्भग्गेहि, ५८८२ ६८२४ जइ लिहइ उरं तो दोण्णि, ३०८२ ९५११ जइ वत्थुसरूऽऽवालोयणाउ, १९१७ ५५९० जइ वा वि तहा दुसह, ३४३६ १११९ "जइ वासुदेवपढमो, ६६५८ ८९८१ जइ वि कसाया हेट्ठा, ७२६३ ३४३३ जइवि किर परमथोयं, ६२४६ ७५३५ जइ वि तुमं कुसल च्चिय, ४४६५ १८३३ जइ वि तुह पणयवच्छल्लयाए, ३७० ६२६१ जइ वि न कहिं पि हु २२५१ १३१६ जइ वि न तज्जम्मे च्चिय, ७७४३ ७४१ जइ वि नियनियगिहेसु, २८९० ३०८१ जइ वि परिचत्तसंगो, ४४४२ २८१२ जइ वि य दिवसेण पयं, ७८११ ३९५१ जइ वि सयं थिरचित्तो, - ४४०८ ४३७ जइ वि सयं न नियत्तह, ५३९२ जइ वि सुयनाणकुसलो, १६८६ ८१६० वि हु णो पेच्छिज्जति, ४२५ ९४५० वि हु तहावि कत्तो १६३१ २४५२ वि हु तुह सव्व च्चिय, ९८६६ ७५२३ वि हु पइदिणमऽपमत्त- ४८७९ १४१२ वि हु पयडीए च्चिय, ४५१ १११४ वि हु मणवंछियसयल- ४२४ ३७९४ वि हु महाणुभावेण, २४७१ २२६० वि हु विसट्टकन्दोट्ट- ४२६ ७०१४ जइ वि हु सो पज्जते, ९०९६ ११७९ जइ संपुण्णं पासइ, ३३०५ ४५७२ जइ सच्चं चिय चोरो, १०७१ ५०३३ जइ सण्णाणतरंडं, अक्खण्डं १९३७ ६०७३ जइ सत्थेण हणिज्जइ, २४०१ 骨骨骨骨哈哈哈哈哈 ૩૨
SR No.022285
Book TitleSamveg Rangshala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh
Publication Year2009
Total Pages378
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy