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________________ १४९ पद गाथा अकारादिक्रम अधिकार श्लो . क्र. साम्यप्रसादाऽस्तवपुर्ममत्वाः , .......... ................... साम्यं विना यस्य तपः-........................ चतुर्थ .................... सिद्धान्तेषु यथा ध्याना-.................. प्रथम................ स्त्री-भ्रूणगोब्राह्मणघातजात-...........चतुर्थ ............. स्थैर्याधानाय सिद्धस्या-....................... तृतीय................ स्फुटमपरमभावे नैगमस्तारतम्यम्......... द्वितीय............. स्वत एव समायान्ति, .. दितीय स्वतन्त्रास्तु नयास्तस्य, ....................... ...प्रथम................. स्वभावानिरुपादानं यदि................... ..तृतीय .................... स्वानुकूलां क्रियां काले, ................ तृतीय ............... हरिरपरनयानां गर्जितैः कुञ्जराणाम्, ......द्वितीय................... हिंसा भावकृतो दोषो.......... क्षायोपशमिके भावे, ......................तृतीय .................... ज्ञानक्रियाऽश्वद्वययुक्तज्ञानमग्नस्य यच्छर्म, ......................... .द्वितीय.................. ज्ञानस्य परिपाकाद्धि, ................ ...तृतीय................. ज्ञानिनो नास्त्यदृष्टं चेद्, .. ................ तृतीय. ...........२४ ज्ञानी क्रियावान् विरतस्तपस्वी, ......... चतुर्थ.. .... ज्ञाने चैव क्रियायां च, ...............तृतीय ............. ज्ञानोत्पतिं समुद्भाव्य, .................तृतीय ................ ज्ञायेरन् हेतुवादेन, ....................प्रथम................८ * * *
SR No.022238
Book TitleAdhyatmaop Nishad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVikramsenvijay
PublisherLabdhi Bhuvan Jain Sahitya Sadan
Publication Year2010
Total Pages178
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size11 MB
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