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________________ + सिद्धान्तसार.. (२५) कूप कुळनी रीते उन्नारही रामनाम जपी नोजन करे मि हिरणना मांसनुं नोजन करे ह एक हाथी मारी घणा दीवस सुधी भोजन करे न उंचो दांगो करीने ही दिन दश दिशामां पाणी बांटी लोकपाळनी आज्ञा मागीने फुल-फल ले वा वृदनी बालनां वस्त्र पहेरे अंग पाणीमां रहे बिग बीलमा रहे जण पाणीमा रहे वेग वृतना हेवळ रहे रु रुखना मूळमां रहे अंग पाणी पीने रहे वा वायु नहीने रहे से नदीनी शेवाळ खाश्ने रहे मूळ मुळनो श्राहार करे कंण् कंदनो थाहार करे त० वृक्षनी गलनो थाहार करे पण पांदमांनो आहार करे पु" फुखनो आहार करे फ फळनो आहार करे बी० बीजनो आहार करे प० पम्या-समया का कंदमूळ तथा पुण् फुल-फळनो आहार करे जण पाणीमा स्नान करे, क कठण गा गात्र नूप जेणे बांध्यु ते श्राप उन्हाळे आतापना ले, पं० चारे दिशे अग्नि अने माथे सुर्य तपे, ए पंचाग्निना तापथी ३० जेणे कोयला सरखं शरीर कयुडे, कं० कष्टथी जेणे शरीर नषलु कयु डे अने क तपश्याथी श्रधबळया काष्ट समान शरीर कयुं बे, एवी तपश्या करीने ब० घणा वा० वर्षलगी पण पर्याय ( तापसीनी दिदा) पा पाळे, पाळीने का काळने अवसरे का काळ करीने न उत्कृष्टा जो जोतिषि संबंधी दे देवलोकने विषे देण देवतापणे न उपजे. तेनी प० एक पक्ष्योपम उपर वा० एक लाख वर्षनी विश्रानखानी स्थिति प कही, शेष बीजा बोल पूर्वनी पेरे जाणवा; पण ते परलोकना आराधक न थाय. सेजेश्मे गामागर जाव सणिवेसेसु पवश्था समणा जत्ति.. तंजदाः-कंदप्पिया कुक्कुया मोदरिया गियरप्पिया नच्चणसीला तेणं एएणं विदारेणं विहरमाणा बहुश्वासाइं सामण-परिआगं पानणंति ३ त्ता तस्स-गणस्स अणालोश्य अप्पडिकंता कालंमासे कार्य किच्चा नकोसेणं सोहम्मेकप्पे
SR No.022232
Book TitleSiddhant Sar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGambhirmal Hemraj Mehta
PublisherGambhirmal Hemraj Mehta
Publication Year1908
Total Pages534
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size16 MB
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