________________
(२०)
+सिद्धान्तसार
प्रवर्ते तेने श्रव्रत कहीये. ते ममता मटी गर तेथी केवलज्ञान उपन्यु." त्यारे हे देवानुप्रीय! श्रावकना खावा पीवा घरेणां ने कपमांने अवतमां घाट्यां डे, एवो जुठी जोमो तमे मतने लीधे केम करो ? वली श्रावकना खावा पीवा घरेणां कपमां अने जग्याने अव्रत कहे , थने सुयगमांग तथा उववार सूत्रनां जुगं नाम ले . तेज नववाश् सूत्रनो पाठःसेजेश्मे गामागर णगर जाव सणिवेसेसु मणूया नवंति तं० अप्पारंना अप्पपरिग्गहा धम्मिया धम्माणुया धम्मिहा धम्मकाश्यं धम्मपलोइ धम्मपलधणा धम्मसमुदायारा धम्मेणं चेव वितिकप्पेमाणा सूसीला सुवया सुपमियाणंदा साहुएगच्चाओ पाणाश्वायाओ पमिविरया जावजीवाए. एगच्चाओ अपमिविरया एवं जाव परिग्गदाओ पमिविरया. एगच्चाओ अपमिविरया. एगच्चाओ कोदाओ माणाओ मायाओ लोजाओ पेजाओ दोसाओ कबहाओ अन्नकाणाओ पेसुणाओ परपरिवायाओ अरति रतियो मायामोसाओ मिला देसणसल्लाओ पनिविरिया जावजीवाए. एगच्चाओ अपडिविरिया. एगच्चाओ आरंज समारंनाओ पमिविरिया जावजीवाए. एगच्चाओ आरंन समारंजाओ अपमिविरिया. एगच्चाओ करण करावणाश्रो पमिविरिया जावजीवाए. एगच्चाओ अपमिविरिया. एगचाओ पयणपयावणाओ पमिविरिया जावजीवाए. एगचान पयणपयावणाओ अपमिविरिए. एगच्चा कूटण पीट्टण ताण तालण वदबंध परिकिलेसा पनिविरिया जावजीवाए. एगच्चा अपमिविरिया. एगच्चा एहाएं मरण बणग विखेवण सह फरस रस रुव गंध मला ।