SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 305
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सिद्धान्तसार. ( २८५ ) व्रत बे तेथी पाप लागे." तेनो उत्तर. हे मंगलमूर्ति ! व्रतमां तो ए काम नथी ते सर्व जाणे बे, पण दाननी करणी केम निषेधो हो? ए तो अनुकंपा आणीने दे ते शुभ जोगनी करणी बे, पण व्रत नथी. जेम साधुजी गुरुदेवनी वैयावच करे, थाहार वस्त्रादिक आणी थपे, हाथ पगादि चांपे ाने तेलादिक मसले, ए करणी व्रतन के अत्रतनी ? वली साधु श्रावक गुरुदेवनी सामा जाय, गुरुदेव आव्याथी उना थाय, एकरणी तनी के व्रतनी ? वली साधु श्रावक पांच प्रकारनी सजाय करे, वाया? पुढणार परियटणा३ अणुपेहा ने धर्मकथाएं, ए करणी व्रतनी के अवृत्तनी ? वली श्रावक व्याख्यान सांजले, ए करली त्रतनी के तनी ? ध्यान करे, धर्म उपदेश दे, ए करणी व्रतनी के छात्र तनी ? प मिलेदादिक इत्यादिक अनेक शुभकाम श्रावक करे, तेने व्रतमां गणो के व्रतमां ? जो व्रतमां गणो तो कयुं व्रत निपजे ते कहो, छाने जो व्रतमां गणो तो, तमार। श्रद्धाने लेखे तो एकान्त पाप लागवुं जोइए; कारण के अनुकंपा खाणीने दान दे तेमां तमे कहो बोके, व्रत नथी तेथी पाप लागे. त्यारे पूर्वोक्त गुरु आदिकनी वैयावच करें, सामो जाय, सझायादिक करे, ए पण तमारी कहेणीने बेखे व्रतमां नथी, व्रत, कारण के तमे जगतमां बेज बोल कहो बो, व्रत ने व्रत. ए सफायादिक व्रतां गणो के अत्रतमां ? अ वारे तेरापंथी कहे बे के " ए काम व्रतमां तो नथी, परा शुन जोग निर्जरानी करणी बे, तेथी कर्म निर्जरा थाय, पुन्य प्रक्रति बंधाय. " तेनो उत्तर. हे देवानुप्रीय ! अनुकंपा खाणीने दान दे, ते पण शुज जोगनी करणी बे. तेमां निर्जरा थवानो अने पुन्य बंधावानो नाकारो नथी. तमे व्रत त्रतनुं नाम लेइ श्रणसमजु लोकोना घटमां घोचा केम घाली ढो ? वली तेरापंथी कहे बे के “मागता जीखारीने जे कोइ श्रन्नगोगी वस्त्रादिक आपे, तेथे अत्रत वधार्यु.” तेनो उत्तर. हे देवानुप्रीय ! मुख्या तृषातुर टाढे मरताने केटलुंक त घटतुं हतुं ते अन्नवस्त्राविक देने वधार्यु." एम तमे कहो तो, पण श्री जगवंते तो निगोदा 66
SR No.022232
Book TitleSiddhant Sar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGambhirmal Hemraj Mehta
PublisherGambhirmal Hemraj Mehta
Publication Year1908
Total Pages534
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy