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________________ + सिद्धान्तसार.. (१८५) नथी. तेम बीजा पण केइक जीवने बचावे, आगलानु पाप टलावे तेमां पाप नथी. तेवारे तेरापंथी कहेडे के " मुसादिक (जंदर)ने बीलामो पासेथी बचावी व्यो तथा पंखीने मालामां मेलो द्यो. जो एवी रोते जीव बचाव्यां धर्म होय तो, लब्धिधारी मुनीराज हाथ फेरवे तो सर्व श्रावकनुं पेट दुखतुं रही जाय तथा जीव जोवतो रही जाय, पण हाथ फेरवे नहिं तेम जीव बचाव्यां धर्म होय तो उंदरादिक असंजति जीव करतां तो श्रावकनां पुन्य अधिकां बे. ते धर्मध्यान पण करशे, पण जीव बचाव्यामां धर्म नथी, तेथीज तेश्रावकोना पेट नृपर हाथ फेरवे नहिं." तेनो उत्तर. हे देवानुप्रीय ! जंदरनी परे श्रावकने पण अमारा कहेवाथी बचे तो बचावी लश्ए. वली तेरापंथ कहे के “ जेम साधु, श्रावकना पेट उपर हाथ फेरवे नहिं,तेम वंदरने पण पेट खे तो हाथ फेरवे नहिं." एवा कुबेतु लगावीने बोघा लोकोनां हृदय दया रहित करे , अने पोताने तो अंधारूं बे, केमके को काम धर्मनां करे डे अने को काम धर्मनां नथी करता. हे देवानुप्रीय ! तमे कहोडो के असंजति जीवनुं जीवीतव्य न वांग. त्यारे जुर्म ! असंजति ले तेने तमे केम पोषो डो? जो अंगथी उपनी जाणीने पोषो तो, अंगथी बालकादि नपजे ले तेने केम नथो पोषता ? वली शीतकालमां पाणीमां माखी ठरे तेने मुहपतिमां घालीने साजी केम करोडो ? बाहार केम काढोडो? तेवारे तेरापंथी कहे के “श्रमारा पाणीथी माखी मरे तेनुं पाप अमने लागे. ते टालवा माटे साजी करोए बीए. श्रमारु पाप टालq तेमां धर्म , पण माखोर्नु असंजम जीवीतव्य नथी वंता.”. एम कपटथो जुठ बोले ले. तेनो उत्तरः-.. . हे देवानुप्रीय ! तमारा पाणीथो माखी मरे तेनुं पाप तमने लागे, ते पाप सलवामा धर्म कहोबो, त्यारे अंधारी रातमां बांधलो श्रावक साधुना बाजोठ या कपमाथी अथमाश्ने मुर्गखाइ पगथीयांनी नालमां पंड्यो, तेथी तेनी कोट नागे . ए वेला बोजो ग्रहस्थो तेनी पासे नथी, सारे तमे सानो करों के महिं १ तेबारे तेरापंथ कहे के “ अमें तो
SR No.022232
Book TitleSiddhant Sar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGambhirmal Hemraj Mehta
PublisherGambhirmal Hemraj Mehta
Publication Year1908
Total Pages534
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size16 MB
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