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* सिद्धान्तसार
(१९३)
द बोमाव्यां. ३ हवे ए त्रण जणांमां नपदेश द ओमाव्यां तेमां तो धर्म बे, पण कुशील सेवीने बोमाव्यां तेमां, अने दाम घरेणुं दर बोमाव्यां तेमां धर्म नथी. जो घरेणुं परिग्रह दश्ने गमाव्यां तेमां धर्म हशे तो कुशील सेवीने बोमाव्यां तेमां पण धर्म हशे." एवी कुयुक्ति मेलवे बे. तेनो उत्तर.. .. हे देवानुप्रीय ! तमारा पुज्यजीने घणा वर्षे श्राव्या शांजलीने तमारा श्रावक श्रावीका सामा श्राव्या, अने वंदर्णा करी रसो तैयार करावी बारमुं वृत निपजाव्यु. तेमां वे तमारा पुज्यनी पक्की रागीणी बा मेांमी प्रावी. तेमने तमारा पुज्यजीए पुब्यु के, हे बाश्न ! तमे मोमी केम आवी ? त्यारे तेमणे कडं के, चोर अमने मारगमां मस्या तेमां एक जणी तो कहेके में कुशील सेवी केम मुंकावी (बुटी), अने एक कहे के में तो घरेणुं आपीने केमे मुंकावी. हवे तमारी केहे; पीने लेखे एके चोथो आश्रव सेवराव्यो, अने एके पांचमो श्राश्रव सेवराव्यो. हवे तमारा पुज्यजी प्रायश्चित केने देशे ते कहो. त्यारे तेरापं. थीए कहेज पझे के, कुशील सेव्युं तेने प्रायश्चित दे. तो हे देवानुप्रीय ! कुशील सेवी तथा परिग्रहो देश जीव मावे ते बन्नेने सरखां केम गणोबो ? कारण के जेणे कुशील सेवराव्यु, तेणे तो पोतानां अने
आगलानां बनेनां मोह कर्म पोख्यां. असंख्याता पंचेंजिजीवनी हींसा बनेने लागी, अने एक पंचेंजिजीवनी रक्षा कीधी. हवे आगलागें एक पंचेंजि जीवनुं पाप टलाव्युं, ते तो चोखंज कामडे, पण असंख्याता पंचेंजि जोवनी घात कुशील सेवतां बनेने लागे, तेमां नफो थोमो, अने तोटो घणो, तेथी ए काम अकरवा जोग्य ; पण घरेणुं दश बकरां गेमाव्यां, तेने कया जीवनी हीसा लागी ? ते कहो. ए कुहेतु केम मले ? तेवारे तेरापंथी कहे डे के “कुशील सेव्यां सेवराव्यामां तो चोथु पाप बे, अने परिग्रहो सेव्यां सेवराव्यामां पांचमुं पाप ले. इस्थिनुं खाईं पीयूँ अने घरे), ए परिग्रहामां ने." एम कहे , तेनो उत्तरः