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लघुशतपदी. वीं बोलवी पडशे. ____ वळी लोकमां पण रूढिभाषाए पंचपर्वी बोले छे पण सां पण पर्व तो एना ए चारज कह्या छे. कारण के विष्णुपुराणमां कह्यु छे के चौदश, आठम, अमावास ने पूनम ए पर्व जाणवा. एथीज ब्राह्मणो ए चौप-मां अनाध्याय करी देवपूजादि करे छे.
विचार ३६ मो. कोइ पूछे के औदायिक तिथि एकांते केम नथी मानता? तेने ए उत्तर छे के तेम मानीये तो सिद्धांत साथे बहु विसंवाद आवे छे. तेनां कारण नीचे मुजब छे.
जैनना हिशाबे दर वर्षे छ दिन वधे ने छ घटे ते ए प्रमाणे के आषाढ, भादरवा, कार्तिक, पोस, फागण, अने वैशाख ए छ मासना अंधारा पक्षे अनुक्रमे बीज, चोथ, छठ, आठम, दशम, बारस अने चौदश ए तिथि घटे. अने शेष श्रावणादि छ मासना शुक्लपक्षे अनुक्रमे पडवे, त्रीज, पांचम, सातम, नवम, अग्यारस, तेरस तथा पूनम ए तिथिओ वधे छे.
हवे लौकिक हिशाब मानीए तो एक मासमा एक पक्षे सोल दिने पाखी आवे अने बीजा पक्षे चौद दिने आवे. ____वळी ज्यारे चौदशनो क्षय होय त्यारे ते दिने औदयिकी तो तेरस होय अने बीजे दिने औदयिकी पूनम आवे छे माटे औदयिकी चौदश केम थशे?
वळी तमारो एवो व्यवहार छे के ज्यारे तिथि बंधे छे त्यारे साह घडीनी तिथि पडती मूकी बीजे दिने अडधी घडीनी तिथि कथूल राखो छो, सारे हवे कोइ वेला एवो योग आवे के पेले