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________________ - શ્રી લઘુક્ષેત્રસમાસ પ્રકરણમાં इह बाहिरगयदंता, चउरो दीहत्ति वोससयसहसा । तेयालीससहस्सा, उणवीस हिया सया दुन्नि ॥ २४४ ॥ अभितर गयदंता, सोलसलवस्वा य सहसछब्बीसा ॥ सोलहि सयमेगं, दीहत्ते हुति चउरो वि ॥ २४५ ॥ सेसा पमाणओ जह, जंबूदीवाउ धाइए भणिया । दुगुणा समा य ते तह, धायइसडाउ इह नेया ॥ २४६ ॥ अडसीलक्खा चउदस-सहसा तह नवसया य इगवीसा । अम्भितरधुवरासी, पुव्युत्तविहीइ गणियब्वो ॥ २४७ ॥ इगकोडीतेरलक्खा, सहसा चउचत्त सगसय तियाला । पुकवरवरदीवइटे, धुवरासी एस मझमि ॥ २४८ ॥ एगा कोडी अडती-सलक्ख चउहत्तरी सहस्सा य । पंचसया पणसट्ठा, धुवरासी पुक्खरखंते ॥ २४९ ॥ गुणवीससहस सगसय, चउणउ य सवाय विजयविक्खंभो। . तह इह पहिवहसलिला, पविसंति य नरनगस्साहो ॥ २५० । पुक्खरदलपुवावर-वडतो सहसद्गषिहु दु कुंडा । भणिया तहाण पुण, गीयत्था चेव जाणति ॥ २५१ ॥ इह पउममहापउमा, रुक्खा उत्तरकुरूसु पुव्वं व । तेसु वि वसंति देवा, पउमो तह पुंडरीओअ ॥ २५२ ॥ ५४० दो गुणहत्तरि पढमे अड लबणे बीअदीवि तइयद्धे । पिहु पिहु पणसयचाला, इअ नरखित्ते सयलगिरिणो ॥ २५३ ॥ तेरहसय सगवन्ना, ते पण मेरूहि विरहिया सव्वे । उस्सेहपायकंदा, माणुससेलो वि एमेव ॥ २५४ ॥
SR No.022175
Book TitleLaghu Kshetra Samsas Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharitrashreeji
PublisherKumudchandra Jesingbhai Vora
Publication Year1977
Total Pages510
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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