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श्रीज्ञानविलास.
399 ॥२॥बालभाषातमेभाखता बालज्ञानीसोय अमेगिरवाण भाषाकहिये ज्ञानिसाचाजोय ॥३॥ रोसकरिनविबोलि || ये रोसेसमजनहोय समताराखिसुणतं अज्ञानभावतेजो य॥४॥ ॥ढालसोलमी॥ ताहरामेहेलउपरवरसेमेह झबुकेविजलिहोलालझबुकेविजलि ॥एदेशि॥ नाख्युनु मेएमअमेज्ञानिसहिहोलाल अमेज्ञानिसहि पणविचारि जुत्रोतुमेकांईचितथईहोलाल ॥तुमे॥ कर्त्तापणुदाखोछो। तुमेकांईअन्यनेहोलाल।तुमे॥तोतुमरह्याअनाण विचारो मननेहोलाल।वि०१॥ज्ञानअनाणतसहाथरघुतेजाणियहो लालार०॥ तोतुमेज्ञानिकेमकहोतेमांणियेहोलाल ॥०॥ कर्तासृष्टीनोजेह ईश्वरतुमेभाखियोहोलालाई०॥तोपुन्य पापफलकेम ईहांतुंमेदाखियोहोलालाईहां०२॥शुनाशु भजेकरणिपोतानिनोगवेहोलाल।पोता०॥ईश्वरकापणुं ईहांनविजोगवेहोलालाईहां०॥ ईश्वरक पणुंहोवेतोक रणिसहिहोलाल ॥तो०॥ फलनवित्रापेकोई विचारोचि तग्रहिहोलाल ॥वि० ३॥ सुखदुखदेवुतेसविक धिरा होलाल ॥क०॥ तोकर्णिनुशंकामकष्टफोगटथयुहोलाल। क०॥रागद्देशनहिहोयईश्वरतेनेकहियेहोलाल ई०॥सं नाविहोयजेहपरमपदतेलहियेहोलाल ॥प०४॥ एक नेत्रापेसुखबीजानेदुखघणुहोलाल ॥बिजा०॥ एविकर पिनहोयईश्वरनिसास्त्रभ[होलाल ॥ई॥तेथिक नहि