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________________ १७८ श्रीज्ञानविलास. तुमेजाणोसहिहोलाल ॥तुमे०॥ वलिविचारोजेहपदारथ छेसहिहोलालप० ५॥जिवादिकछेजेहकहोकोणेकरचा होलाल।क०॥कर्ताथाशेतासतोपूर्वेनविठरचाहोलाल॥ पू०॥ कृत्रिमजिवस्वरुपकेनाशथाशेखरोहोलाल ॥ना॥ ईश्वरसमरणतेहसविफोगटठरयोहोलाल सवि०६॥ श्रृष्टिनोहतितवईहांनाखोशुंहतुहोलाल भा० सप्तपदा र्थनवद्रव्यकहेन्यायकन्तुहोलाल क० तेनवितुतोइहां लाव्याकिहांथकीहोलाल ला० अवरनथांनककोईकेला व्यातिहांथकिहोलाल आला. ७॥ त्रिमवस्तुजेहतेहवि एसेसहिहोलाल ते घटपटादिजेहपदार्थनासेवहिहोला ल प.पृथ्वीनभादिकजेहपदार्थअक्षयसहिहोलाल प०॥ माटेक नहिकोईतुमसमजोवहिहोलाल ॥तु० ८॥क सर्वनोईश्वरतोएहनोजोईयेहोलाल ए. परंपराए मजोताथागनलहियेहोलाल था० तेथिक नहिजगतमां कोईछेहोलाल ज० स्वनाविकपदार्थश्रृष्टिएहछेहोलाल ॥श्रृ० ९॥ करणिजेहविपोतेकरशेतेहवुहोलाल क. पाम शेफलइहांतेहएमतेध्याववुहोलाल एम० थाशेकरणिथि रहिततवपदआपणोहोलाल त लेशेनिरविकल्पएमशा स्त्रेभणोहोलालाए०१०॥ मुक्तिकहियेतेहस्वरुपनेसहिहो लाल स्व० तवबोल्योतिहांवेदांतवादिवहिहोलाल वे०॥ मुनिहूकमकहेतेहस्वरुपागेनाखशुहोलाल स्व. वेदां
SR No.022174
Book TitleAdhyatma Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukammuni, Hirachand Vajechand
PublisherHirachand Vajechand
Publication Year1880
Total Pages738
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size20 MB
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