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________________ H98011 एवं पुणोवि पुबा-खामहिलाकिएहसुक्करहाण, का बहुगा, का, तुला ? पुछसरीराण मन्नेन. ॥ १॥ (टीका )-एवं पुनरपि तृतीयप्रहरांते प्रजा पूर्ववत्. रोहकः-खामहिलायाः खिसहमिकेति लोकप्रसिद्धनामकस्य नुजपरिसर्पजीवविशेषस्य शरीरे कृष्णरेखाणां शुक्ररेखाणां च मध्ये का अधिका बढ्यः राजा.-का इति कास्तत्र बहु का इत्यनिधेहि त्वमेव. रोहकः-तुल्याः समानसंख्याः कृष्णाः शुक्लाश्च रेखाः ... ___अत्रैव मतांतरमाह.-पुनसरीराण मन्नेन इति अन्येपुनराचार्याः पुनशरीरयोः खामहिवाया एव संबंधिनोः कतरदीर्घमिति चिंतितं रोहकेण.-राज्ञा पृष्टेनच तेनैव के अपि समे इति प्रतिपादितमित्याहुः ()॥२०॥ चरिमा का पिया ते-के, पण, के, रायधाणयचंमाला, सोहागविच्युग जणा___एम कररी पूछतां तेणे कयु के खीलोमीनी काळी धोळी रेखाअोमां कोण काकी ? सरखी छे ? बीजा कहे छे के पूछकी अने शरीरमां कोण बांबु छे. ७१ टीका–एम फरीनेत्रीजापहोरना के राजाए पूछ्युं रोहो बोल्योः-खीलोमी नामे लोकमां प्रसिद्ध नुजाचा र जीवना शरीरमां काळी रेखाम्रो अने धोनी रेखाओ होय छे तेमां कोण अधिक हशे ? राजा बोल्यो:-तुंज कहे के कोण काकी जे. रोहो बोल्योः-काळी अने धोळी रेखाओ बन्ने सरखीज - होय छे. इहां मतांतर कहेछ:-वीजा आचार्यो एम कहेछे के खीलोमीना पूछ अने शरीरमां कोण लांबु एम रोहाए चिंतव्यु, अने राजाए पूछतां तेणे बेसरखांज जे एम कडं.२० श्री उपदेशपदः
SR No.022167
Book TitleUpdeshpad Part 01
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
Author
PublisherLalan Niketan Madhada
Publication Year1925
Total Pages420
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size13 MB
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