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श्रुतलाभ श्री राजनांदगाम नगरे परमपूज्य आचार्य
भगवंत श्री नवरत्नसागरसूरीश्वरजी म.सा.ना | /शिष्यरत्न प.पू. गणिवर्यश्री वैराग्यरत्नसागरजी म.सा., ।
प.पू. मुनिराजश्री मोक्षरत्नसागरजी म.सा., प.पू. मुनिराजश्री पार्श्वरत्नसागरजी म.सा. तथा मुनिराजश्री नमिरत्नसागरजी म.सा. आदि ठाणानी पावननिश्रामां संपन्न थयेल वि.सं. २०६६ना
चातुर्मासनी स्मृति अर्थे श्री जैन श्वेताम्बर पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट (राजनांद गांव, छत्तीसगढ़) के ज्ञाननिधि में से इस ग्रंथ प्रकाशन का संपूर्ण लाभ लिया
गया है। सुकृत-अनुमोदना