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________________ जैन सिद्धांत प्रकरण संग्रह. अथ श्री अठाणु बोलनो बासठीयो. ८१ २ मनुष्यणी संख्यातगुणी ३ बादर ते काया प्रजाप्ता अ० ४ अनुत्तर विमानना देवता अ० ५ उपली त्रिकना देवता सं० ६ मझम त्रिका देवता सं० ७ नीचलो त्रिकना देवता सं० ८ वारमा देवलोकना देवता सं० ९ इग्यारमादेवलोकनादेवता सं० १० दसमा देवलोकना देवता सं० ११- नवमा देवलोकना देवता सं० १२ सातमी नरकना नारकी अ० १३ छठी नरकना नारकी अ० १४ आठमा देवलोकना देवता अ० १५ सातमा देवलोकना देवता अ० १६ पांचमी नरकना नारकी अ० १७ छठा देवलोकना देवता अ० १८ चोथी नरकना नारकी अ० १९ पांचमा देवलोकना देवता अ० २० त्रीजी नरकना नारकी अ० २१ चोथा देवलोकना देवता अ० १ सर्वथी थोडा गर्भज मनुष्य | २२ त्रिजा देवलोकना देवता अ० २३ बीजी नरकनां नारकी अ० २४ समुर्छिम मनुष्य असं० २५ बीजा देवलोकनादेवता असं० २६ बीजा देवलोकनी देवी सं० २७ पहेला देवलोकना देवता सं० २८ पहेला देवलोकनी देवी सं० २९ भवनपति देवता असं० ३० भवनपतिनी देवी संख्यातगुणी ३१ पहेली नरकना नारकी असं० ३२ खेचर पुरुष असंख्यातगुणा ३३ खेचरनी स्त्री संख्यातगुणी ३४ थलचर पुरुष संख्यातगुणा ३५ थलचरनी स्त्री संख्यातगुणी ३६ जलचर पुरुष संख्यातगुणा ३७ जलचरनी स्त्री संख्यातगुणी ३८ व्यंतर देवता संख्यातगुणा ३९ व्यंतरनी देवी संख्यातगुणी ४० जोतिषी देवता संख्यातगुणा ४१ जोतिषीनी देवी संख्यातगुणी ४२ खेचर नपुंसक संख्यातगुणा
SR No.022129
Book TitleJain Siddhant Prakaran Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherAjramar Jain Vidyashala
Publication Year1928
Total Pages242
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size17 MB
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