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________________ २१६ पचीस बोलनो थोकडो. शीतळ लेशावाला साथे १६.तेजु लेश्यावाळा साथे १७.मोढे मीठा बोला साथे १८.दानेश्री साथे १९. ज्ञानी साथे २०. गुणका साथे २१. बाळक साथे २२. ए बावीस. क्षेत्रीसमे बोले पांच इंद्रीयना वीस विषय कहेछे:-श्रोतेंद्रियना त्रण विषय--जीव शब्द,अजीव शब्द, मिश्र शब्द. चक्षु इंद्रियना पांच विषय--कालो, पीलो, लीलो, रातो, धोलो, घ्राणेंद्रीयना बे विषय-- मुभी गंध, दुर्भागंध, कुल दस. फरस इंद्रीयना आठ विषय ते खरखरो मुंहाळो, हलको, भारे, टाढो, उनो, लुखो, चीकणो, रसइंद्रीयना पांच विषय-तीखो, कडवो, कषायलो, खाटो, मीठो. चोवीसमे बोले चोवीस टोटा कहे छे:--भणवा गणवानी आळस करे तो ज्ञाननो टोटो बहु सूत्रनी शाख १. साधु साध्वीना दर्शन न करे तो समकितनो टोटो-सोमिल ब्राह्मणनी शाख २. वखतसर पडीकमणुं न करे तो वृत पञ्चखाणनो टोटो-उत्तराध्ययन अध्य० २९ नी शाख ३. साधु साध्वी मांहो मांही वयावच्च नकरे तो तीर्थनो टोटो--ठाणांगनी शाख ४. तपस्यानी ने आचारनी चोरी करतो देवतामां उंची पदवीनोटोटो--दशवकालिक भगवतीनी शाख ५. कठण कलुश भाव राखेतो शीतळतानोटोटा-समवायंगनी शाख ६.अजतनाथीचाले तो जीव दयानोटोटो-दशवकालीकनीशाख७. रुपनो ने योवननोमद करे तो शुभ कर्मनो टोटो-पनवणानी शाख ८. मोटामो विनय न करे तो तीर्थकरनी आज्ञानो टोटो-व्यवहार सूत्रनी शाख ९. माया कपट करे तो जश कीर्तिनो टोटो--आचारंगनी शाख १०. पाउली रात्रे धर्म जाग्रिकान जागे तो धर्मध्याननो टोटो नीशीयनी शाख ११, क्रोध कलेश करे तो स्नेह भावनो टोटोचेडा कुर्णीकनी शाख १२, मन उंचुनीL करे तो अक्कलनो टोटो
SR No.022129
Book TitleJain Siddhant Prakaran Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherAjramar Jain Vidyashala
Publication Year1928
Total Pages242
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size17 MB
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