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१७० छ लेश्यानो थोकडो. पांख, जेई वैडुर्यरत्न एथी अनन्त गुणो नील लेश्यानो नीलो वर्णछे. ___२. कापुत लेश्यानो वर्ण जेवां अळशीना फुल, जेवी कोयलनी पांख, जेवी पारेवानी डोक कांइक राती, कांइक काळी ए करतां अनन्तगुणो अधिक कापुत लेश्यानोवर्ण जाणवो.
३. तेजु लेश्यानो वर्ण जेवो उगतो सूर्य रातो, जेवी सुडानी चांच, जेवी दीवानी शीखा ए करतां अनन्त गुणो आधक रातो.
४. पद्म लेश्यानो वर्ण-जेवो हडताळ, जेवी हळदर, जेवां शणनां फूल, ए करतां अनन्त गुणो अधिक पीळो.
५. शुक्ल लेश्यानो वर्ण-जेवो शंख, जेई अंक रत्न, जेवू मोगरान फूल, जेवू गायदुध, जेवो रुपानो हार एकरतां अनन्त गुणो अधिक श्वेत..
६.त्रीजो लेश्याना रसनोंद्वार कहे छे-कृष्ण लेश्यानो रस जेवो कडवो तुंबडो, जेवो कडवो लींबडानो रस, जेवो रोहीणी नामे वनस्पतिनो रस, एथी अनन्त गुणो अधिक कडवो रस. १. नील लेश्यानो रस-जेवो झूठनो तीखो रस, जेवो पीपर-मरीनो रस, एथी अनन्त गुणो अधिक तिखो रस. २. कापुत लेश्यानो रसजेवो कुणीकाची केरीनो रस, जेवांकाचां कोठानो रस,एथी अनन्त गुणो अधिक खाटो रस. ३. तेजु लेश्यानो रस-जेवो पाका आंबानो रस, जेवो पाका कोठानो रस, एथी अनन्त गुणो कांइक खाटो ने कांइक मीठो रस. ४. पद्म लेश्यानो रस-जेवो वारुणीनो रस, जेवो आशप (सरखा) नो रस, जेवो मधुनो रस एथी अनन्त गुणो मधुरो रस. ५. शुक्ल लेश्यानो रस-जेवो खजुरनो रस, जेवो द्राक्षनो रस, जेवो दुधनो रस, जेवो साकरनो रस एथी अनन्त गुणो अधिक मीठो रस ६.