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जैन सिद्धांत प्रकरण संग्रह.
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देवकुरु क्षेत्रमा सितोदा नदीनी बचे छे. एमज उत्तरकुरु क्षेत्रने विषे सिता नदीने मध्य भागे ५ द्रह छे. तेना नाम निलवंतद्रह, उत्तरकुरु द्रह, चंद्रद्रह, एरावतद्रह, मालवंतद्रह, एवं १० ने ६ उपय एवं १६ द्रह था. हवे पद्म अने पुंडरिक द्रह ए २ द्रह १ हजार जोजनना लांबा अने ५०० जोजनना पहोळा छे, १० जोजनना धरती मांहि डंडा छे. ए प्रमाणेज देवकुरु उत्तरकुरुना १० द्रह जाणवा, एकेका द्रहमांहि १२०५०१२० कमळ छे सघळा रत्नमय छे पद्मद्रह मध्ये १ महोदुं कमळ छे ते श्रीदेवीनं छे, अने १०८ कमळ श्रीदेवीना भंडारना छे, ४ कमळ महत्तरिकाना छे, ७ कमळ अणिकाना छे १६ हजार कमळ आत्मरक्षक देवना छे, ४ हजार कमळ सामानिक देवना छे, ८ हजार कमळ मांहिली परिषदना छे, १० हजार कमळ
चलि पाना छे, १२ हजार कमळ बाहिरली परिषद्ना छे, तेने फरता ३ कोट कमळना छे. तेमां ३२ लाख कमळ पहेला कोटना छे. ४० लाख कमळ वचलाकोटना छे. ४८ लाख कमळ बाहिरला कोटना छे. एवं सर्व मळीने १२०५०१२० कमळ थया, ते मांहि महोदुं कमळ १ जोजननुं लांबुं ने पहोळु छे, अर्द्ध जोजननुं जाडुं छे, १० जोजननुं पाणि मांहि उडुं छे, बे गाउ पाणीथी उंचु छे. १० जोजन सर्वागे झाझेरुं कहेलुं छे. ते कमळनुं वज्र रत्नमय मूल छे. रिष्ट रत्नमय कंदछे, बैरुलि रत्नमय निलवरणा बाहेरला पानडा छे. जांबु - नंद राता रत्न ने सुवर्णमय मांहिला पानडा छे. तपाच्या सोनामय केशरी छे. नाना प्रकारना मणिमय ते उपरे पांखडियो छे. सोनानि कर्णिका छे, वे कोशनी कर्णिका लांबि ने पहोळी छे, एक कोशनो जाडपणे डोडो छे, ते उपरे घणुं रमणिक छे तेना मध्य देश भागे श्री देवीनं घर छे ते १ कोशनुं लांबु ने अर्ध कोशनुं पहोळं छे अने देशे उं
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