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१५२ खंडा जोयणमा बोल. ३ बारणा छे. पूर्वे, दक्षिणे, ने उत्तरे ए ३. तेहना दरवाजा आठ आठजोजननाउंचा छे, ने ४ जोजनना पहोळा छे. ते सिद्धायतनना मध्य विभागने विषे एक मणिमय पिठिकाछे, ते ८ जोजननी लांबी ने पहोली छे, ४ जोजननी जाडपणेछे सर्व रत्नमय छे ते उपरे१देवछंदो कयो ते८जोजननो लांबो ने पहोलोछे अने८जोजननो झाझेरो उंचोछे. तिहां जिन प्रतिमा छे तेहनुं वर्णन अन्य स्थळेथी जाणवू. जाव धुपना कडछा छे. एज प्रमाणे चारे दिशे ४ सिद्धायतन छे ते एमज जाणवा. चारे दिशे मेरु पर्वतथी ५० जोजन इशान खुणे वनमां जाय तिहांज ४ वावडिओ छे,मेरुथी ५० जोजन अग्नि खुणे वनमां जाय तिहां४ वावडिओ छ, मेरु थी ५० जोजन नैरुत खुणे वनमा जाय तिहां ४ वावडिओ छे,मेह थी ५० जोजन वायव्य खुणे वनमांजाय तिहां ४ वावडिओछे.ते एकेकी वावडि५०जोजननी लांबी अने २५ जोजननी पहोलीछे.अने दश दश जोजननी उंडियोछे, ते मांहि चार दिशे तोरण सहितछे ते वावडियोना नाम पद्मा,पद्म प्रभा,कुमुदा,कुमुद प्रभा,ए४ पावडियो मध्ये २ शकेंद्रना ने २ इशानेंद्रना महोल छे ते चारे पांचसो पांचसो जोजनना उंचा छे अने अढिसो जोजनना लांबा ने पहोळा छे, उंचा शिखर बंध जाणवां. भद्रशाल वनमा ८ कुट छे भद्रशाल धन थकी पांचसें जोजन मेरु उपर जइये तिहां नंदन वन आवे ते नंदन वन ५०० जोजन चक्रवाल विखंभपणे फरतो वाटलो वलयाने आफारे छे. ते मेरु पर्वतने टुकड़े छे. जिहां घणा देवता देवांगना हास्य रति खेले छे. तिहां पण ४ सिद्धायतन छे,१६ वावडिओ छे, ४ महोल छे, पूर्वनि परे ९ कुट छे. वलि नंदन वन थकी साडा वासठ हजार जोजन उंचा जइये तिहां सोमनस वन आवे ते ५०० भोजन चक्रवारू विखंभषणे फरतो पाटलो वलयाने आकारे छे.