________________
૪
पैंतीस (३५) दिन का महोत्सव का
मंगलमय कार्यक्रम
卐
भाद्रपद शुक्ला ६ शनिवार दिनांक १-६-७६ को
महोत्सव का प्रारम्भ हुआ । पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. ने किये हुए श्री महानिशिथ सूत्र के योग की पूर्णाहुति निमित्त ६६ अभिषेक की पूजा, प्रभावना आंगी भावना - शा. केसरीमल, सीनालाल, ललितकुमार बेटा पोता रतनचन्दजी धूलाजी की तरफ से हुई । प. पू. आ. म. सा. चतुविध संघ के साथ शा. सोहनमल धनराजजी के वहां पर पधारे पुण्यप्रकाश और पद्मावती सुनाने के पश्चात् संघ पूजा हुई । भाद्रपद शुक्ला ११ रविवार दिनांक २-६-७६ को
बारहव्रत की पूजा, प्रभावना, आंगी, भावना - शा. बाबुलाल, पूनमचन्द्र, चंपालाल पुत्र शा. रतनचन्दजी लूम्बाजी की तरफ से हुई ।
1
भाद्रपद शुक्ला १२ सोमवार दिनांक ३-६-७६ को
पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशीलसूरीश्वरजी म. सा. का जन्म दिन यानि ६३ वाँ वर्ष में प्रवेश निमित्त श्री भक्तामर महापूजन, प्रभावना, आंगी, भावना तथा स्वामी वात्सल्य श्री जैनसकल संघ गुडाबालोतरा की तरफ से हुए ।