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________________ १० (१२) पूज्य साध्वी श्री प्रेमलताश्रीजी म. ने ५ उपवास की तपश्चर्या की । (१३) पूज्य साध्वी श्री कीत्तिसेनाश्रीजी म. ने श्री आचारांग सूत्र के योग किये | (१४) पूज्य साध्वी श्री भव्यपूर्णाश्रीजी म. ने श्री उत्तराध्ययन सूत्र के और श्री आचारांग सूत्र के योग किये । ( ९५ ) पूज्य साध्वी श्री तत्वरुचिश्रीजी म. ने श्री उत्तराध्ययन सूत्र के और श्री आचारांग सूत्र के योग किये । (१६) पूज्य साध्वी श्री कल्पधर्माश्रीजी म. ने बडी दीक्षा के योग किये । चतुर्विध संघ में - (१) श्री नमस्कार महामन्त्र के नौ दिन के एकासणें पू. साधुसाध्वी म. उपरान्त ६५ भाई-बहिनों ने किये । उनके उपलक्ष में आराधक भाई-बहिनों की ओर से श्रावण शुद्ध ६ सोमवार को ९९ अभिषेक की पूजा प्रभावना युक्त पढ़ाई गई । नवे दिन के एकासणी कराने की व्यवस्था संघ की तरफ से संघ के रसोड़े में की गई । (२) श्रावण शुद ७ मंगलवार के दिन सुबह व्याख्यान में गुढा बालोतान जैन छात्रावास मण्डली का कार्यक्रम रहा । दुपहर में शासनसम्राट् समुदाय की स्वर्गीय पू. सा. श्री कीर्त्तिश्रीजी म. की छट्टी स्वर्गवास तिथि निमित्ते
SR No.022127
Book TitleKulak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandir
Publication Year1980
Total Pages290
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size17 MB
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