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________________ [ ३ ] ॐ श्री सिद्धचक्र महापूजन चालु अष्टाह्निका - महोत्सव में प्रतिदिन व्याख्यान में तथा प्रभु की पूजा में प्रभावना होती रही । श्रावण ( अषाढ ) वद ३ गुरुवार के दिन श्रीसंघ की ओर से श्री सिद्धचक्र महापूजन विधिकारक श्री बाबुभाई मणीलाल मास्टर (भाभरवाले) वाले ने विधिपूर्वक सुन्दर पढ़ाया । [ ४ ] * श्री जैन धार्मिक पाठशाल का उद्घाटन फ्र प० पू० आ० श्रीमद्विजयसुशीलसूरीश्वरजी म० सा० के सदुपदेश से 'श्री जैन धार्मिक पाठशाला' का फण्ड हुआ और श्रावण ( अषाढ ) वद ५ शनिवार से उसीका उद्घाटन भी हुआ। प्रतिदिन प्रभावना युक्त प्रभु की पूजा का कार्यक्रम चालु रहा । प्रतिदिन व्याख्यानादिक का लाभ श्रीसंघ को सुन्दर मिलता रहा और पू० साधु-साध्वीओं को श्रीदशवैकालिक सूत्र आदि की वांचना का लाभ भी मिलता रहा ।
SR No.022127
Book TitleKulak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandir
Publication Year1980
Total Pages290
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size17 MB
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