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________________ ग्रंथ प्रकाशन लाभ सुविशाल गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य देवेश श्रीमद् विजय हेमभूषणसूरीश्वरजी महाराजा की आज्ञा से प्रातः स्मरणीय सन्मार्गदर्शक परम पूज्य आचार्यदेवेश श्रीमद् विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा के परम विनेय समतानिधि पू. मुनिराज श्री दर्शनभूषणविजयजी महाराज़ के शिष्य प्रवचन प्रभावक पू. मुनिराज श्री दिव्यकीर्तिविजयजी गणिवर्य के विनेय तपस्वीरन पू. मुनिराज श्री पुण्यकीर्तिविजयजी गणिवर्य का वि.सं. २०६४ का चातुर्मास हमारे श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ 'उदयपुर' में हुआ । उस भव्य चातुर्मास में श्री उपधान तप और श्री सिद्धगिरिजी के 'छ'री पालक संघ का अनुष्ठान हुआ । उसकी स्मृति में हमारे श्रीसंघ के ज्ञाननिधि से यह 'सम्यक्त्व प्रकरण' ग्रंथ का भाषांतर छपवाया है । श्रावक उसका उपयोग करे तो नकरा ज्ञाननिधि में डालकर करें और स्वयं की मालिकी में रखना है तो पूरा मूल्य ज्ञानखाते में देकर ग्रहण करें । श्री जैन श्वे. मू. श्रीसंघ उदयपुर मालदास स्ट्रीट उदयपुर (राज.)
SR No.022114
Book TitleSamyaktva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyakirtivijay
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year
Total Pages386
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size37 MB
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