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________________ ३३८] अध्यात्मकल्पद्रुम [ नवर्मा:: Under all circumstances. Keep: an even mind. Take it, Try it, Walk with it. Talk with it, Lean on it, Believe in it, For ever. सब संयोगोमें एकसा मन रखना । यह शिक्षा ग्रहण करो, इसकी कार्यरूपमें प्रणीत करो. इसकी संगतीमें रहो। इससे संभाषण करो। इसपर आधार रक्खो । इसमें मान्यता रक्खो । सदैवके लिये यह ही राजयोग, यह ही संसारका पार, यह ही मोक्षप्राप्तिका उत्कृष्ट उपाय है । जीरणशेठ इसीसे मोक्षको प्राप्त करेगा और तन्दुल मत्स्य इस नियमको भूलने से ही संसारमें भटकता है। ' मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः' यह नियम (४) और (५) विषयमें बहुत स्पष्टतया वर्णन किया गया, है इसलिये उसका यहां पुनरावर्तन नहीं किया जाता है । चित्तदमन यह बहुत अगत्य विषय है। इससे कितना लाभ है यह पाठकों ने देखा ही होगा । मन सीधा हो तो करोड़ो वर्षोंमें जो काम नहीं हो सकता है वह एक घडीभरमें हो जाता है । ऐसे लाभालाभका विचार पढ़ कर विचार कर मनोनिप्रह
SR No.022086
Book TitleAdhyatma Kalpdrum
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManvijay Gani
PublisherVarddhaman Satya Niti Harshsuri Jain Granthmala
Publication Year1938
Total Pages780
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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