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यह जीव उसको सुन्दर आहार, आईसक्रीम ( Ice-cream ) कोल्डड्रींक ( Cold-drink ), तथा अनेकों औषधियोंसे उसका पालन करता है, पोषण करता है, शृंगार करता है, कोमल बनाता है और उसको जरासा भी कष्ट होने पर पागलकी तरह हाय-हाय कर रोता-चिल्लाता है ।
_ विचारशील प्राणीयोंको शरीररूपी कारागृहका सदुपयोग करना चाहिये । उसपर इसप्रकार शासन जमाना चाहिये कि जिससे फिर कभी उस कैदखानेमें न आना पड़े । शरीरका ममत्व छोड़ना बिलकुल कठिन नहीं है। एक मटकीमें बोर भरे हुए हैं, मटकीका मुंह छोटा है । एक बन्दर इस मटकीके समीप आता है और बोर खानेकी इच्छासे मटकीमें हाथ डालकर बोरसे मुट्ठी भर लेता है, फिर हाथको बाहर निकालनेका प्रयत्न करता है, किन्तु जब हाथ बाहर नहीं निकलता है तो समझता है कि मटकीने मुझे पकड़ लिया है। लेकिन विचार कर देखिये कि वास्तविक बात क्या है ? सच्च तो यह है कि बन्दरने स्वयं मटकीको पकड़ रखा है, न कि मटकीने बन्दरको । कुच्छ समयके पश्चात् एक मदारी आता है और बन्दरको चाबूक लगाता है, जिससे उसका हाथ छूट जाता है । इसीप्रकार यह जीव भी मानता है कि मेरेको शरीरने पकड़ रक्खा है, स्त्री तथा पुत्रने पकड़ रक्खा है; किन्तु वास्तवमें तो यह ही उनको नहीं छोड़ता । ममत्व छोड़ना हो तो यह बिलकुल कठिन बात नहीं हैं इसका विचार करो, वरना जब कालरूप मदारी आकर चाबूक मारेगा तो अपनेआप मुट्ठी छूट जायगी और शरीरका तत्क्षण त्याग करना पड़ेगा।